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साथियों, कुमाउनी भाषा-साहित्य के अनन्य सेवक मथुरादत्त मठपाल जी का विगत 9 मई को निधन हो गया। मठपाल जी का कुमाउनी के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यह आलेख उन्हीं को समर्पित-  दुदबोलि के उन्नायक: मथुरादत्त मठपाल      कुमाउनी के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले संपादक व रचनाकार मथुरादत्त मठपाल का

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Kumauni Poetry Collection: Dhartiki pid ‘धर्तिकि पीड़’ कुमाउनी कवि गोपाल दत्त भट्ट का कविता संग्रह है। आइये जानते हैं पुस्तक और रचनाकार के विषय में- कविता संग्रह के विषय में- धर्तिकि पीड़      कुमाउनी कवि गोपाल दत्त भट्ट के पहले कुमाउनी कविता संग्रह ‘धर्तिकि पीड़’ का प्रकाशन 1982 में साकेत प्रकाशन, गरूड़ से हुआ।

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श्रद्धेय गुरू व साहित्यकार प्रो. शेर सिंह बिष्ट का 19 अप्रैल, 2021 को निधन हो गया। उनके निधन से साहित्य एवं शिक्षा क्षेत्र की अपूरणीय क्षति हुई है। यहाँ प्रस्तुत है प्रो. बिष्ट के शैक्षिक व साहित्यिक योगदान का संक्षिप्त विवरण- प्रो. शेर सिंह बिष्ट: गोल्ड मेडल से हिंदी विभागाध्यक्ष तक की यात्रा जन्म और

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     प्रिय पाठकों, आज हम आपको ले चलते हैं मिनी कश्मीर कहे जाने वाले सीमांत जनपद पिथौरागढ़ की ओर और चर्चा करते हैं पद्मादत्त पंत द्वारा लिखित पुस्तक ‘सोर की लोक थात’ के विषय में।  पुस्तक के विषय में- सोर की लोक थात        ‘सोर की लोक थात’ पुस्तक के लेखक पद्मादत्त

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प्रिय पाठकों, आज हम आपको ले चलते हैं उत्तराखंड के लोक साहित्य की ओर और चर्चा करते हैं प्रो० डी० डी० शर्मा द्वारा लिखित पुस्तक ‘उत्तराखंड के लोकसाहित्य का आयामी परिदृश्य’ की।  पुस्तक के विषय में- उत्तराखंड के लोकसाहित्य का आयामी परिदृश्य      ‘उत्तराखंड के लोकसाहित्य का आयामी परिदृश्य’ पुस्तक के लेखक प्रो.डी.डी. शर्मा

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रूद्रनाथ की अलौकिक यात्रा का वर्णन: जादुई बुग्यालों के पार साथियों, पुस्तक चर्चा के अन्तर्गत आज हम बात करेंगे यात्रावृतांत ‘जादुई बुग्यालों के पार’ का। इस पुस्तक के लेखक हैं- मनीष ओली। पुस्तक के विषय में- जादुई बुग्यालों के पार      ‘जादुई बुग्यालों के पार’ पुस्तक के लेखक मनीष ओली हैं। इस पुस्तक का

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हिंदी खंडकाव्य: क्या पहचान प्रिया की होगी साथियों, पुस्तक चर्चा के अन्तर्गत आज हम बात करेंगे हिंदी खंडकाव्य ‘क्या पहचान प्रिया की होगी’ की। इस खंडकाव्य के रचयिता हैं- त्रिभुुवन गिरि।   खंडकाव्य के विषय में- क्या पहचान प्रिया की होगी      ‘क्या पहचान प्रिया की होगी’ उत्तराखंड के प्रसिद्ध लेखक त्रिभुवन गिरि का हिंदी

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कुमाउनी खंडकाव्य-पंचप्रिया: डॉ. पीताम्बर अवस्थी   साथियों, आज हम पिथौरागढ़ के लेखक व समाजसेवी डॉ. पीतांबर अवस्थी द्वारा रचित कुमाउनी खंडकाव्य ‘पंचप्रिया’ के विषय में चर्चा करते हैं-  पुस्तक के विषय में-            पंचप्रिया            पंचप्रिया डॉ. पीतांबर अवस्थी जी का कुमाउनी खंडकाव्य है। यह खंडकाव्य वर्ष 2020 में

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राजकीय इंटर कॉलेज नाई में प्रतियोगिताओं का आयोजन      कोसी पुनर्जनन अभियान के अंतर्गत जनपद के ताकुला विकासखंड में स्थित राजकीय इंटर कॉलेज नाई में छात्र- छात्राओं के मध्य विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया-  प्रतियोगिताओं के परिणाम निबंध प्रतियोगिता-  जूनियर वर्ग— दीपिका भंडारी (प्रथम), कृतिका बिष्ट (द्वितीय), रिया बिष्ट (तृतीय)।  सीनियर वर्ग- हिमानी

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अमृत महोत्सव के शुभारंभ पर प्रतियोगिताओं का आयोजन       अल्मोड़ा, रा० इ० का० नाई ( अल्मोड़ा ) के विद्यालय परिसर में भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ से 75 सप्ताह पूर्व यानि 12 मार्च, 2021 से आजादी के अमृत स्मरणोत्सव के शुभारंभ के अवसर पर निबंध और चित्रकला प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।
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