कठिन नहीं कोई भी काम, हर काम संभव है। मुश्किल लगे जो मुकाम, वह मुकाम संभव है - डॉ. पवनेश।

रूद्रनाथ की अलौकिक यात्रा का वर्णन: जादुई बुग्यालों के पार

रूद्रनाथ की अलौकिक यात्रा का वर्णन: जादुई बुग्यालों के पार

साथियों, पुस्तक चर्चा के अन्तर्गत आज हम बात करेंगे यात्रावृतांत ‘जादुई बुग्यालों के पार’ का। इस पुस्तक के लेखक हैं- मनीष ओली।

पुस्तक के विषय में-

जादुई बुग्यालों के पार

     ‘जादुई बुग्यालों के पार’ पुस्तक के लेखक मनीष ओली हैं। इस पुस्तक का प्रकाशन विनसर पब्लिशिंग कंपनी, देहरादून ने किया है। इस पुस्तक का द्वितीय संस्करण वर्ष 2013 में प्रकाशित हुआ। इस पुस्तक में लेखक ने भगवान रूद्रनाथ की यात्रा का खूबसूरत वर्णन किया है। रुद्रनाथ मन्दिर उत्तराखण्ड के चमोली जिले में स्थित भगवान शिव का मन्दिर है जो पंचकेदारों में से एक है। 

      पुस्तक की भूमिकाएँ शेखर पाठक और प्रो. गोविन्द सिंह ने लिखी हैं। लेखक ने पुस्तक को 13 उपशीर्षकों में विभाजित किया है, जिनमें से अनुसूया देवी: पानी के भीतर से दुनिया का दीदार, सम्मोहित सा कर लेते हैं रुद्रनाथ, जब समाधि में चले जाते हैं भोलेबाबा, एक भी गलती हो सकती है खतरनाक, भगवान के दर्शन को व्याकुल भीड़, कल्पेश्वर: खूबसूरत उर्गम घाटी करती है मदहोश आदि प्रमुख हैं। 13 उप शीर्षकों में लेखक रूद्रनाथ की यात्रा का रूचिकर वर्णन किया है। पुस्तक में आवश्यक रंगीन तस्वीरें भी मौजूद हैं। इस पुस्तक का शीर्षक ‘जादुई बुग्यालों के पार’ अत्यधिक सम्मोहक है। पुस्तक के द्वितीय संस्करण का मूल्य 95 रू है। पुस्तक यात्रा वृतांत में रूचि रखने वाले पाठकों के लिए उपयोगी है। इस पुस्तक में भगवान रूद्रनाथ के विषय में लेखक ने लिखा है-

      धार्मिक मान्यता है कि रुद्रनाथ तीर्थ में गोत्र हत्या के पाप से मुक्त होने के निमित्त पिण्डदान तथा तर्पण किया जाता है। रुद्रनाथ मन्दिर में भगवान शंकर के एकानन यानि मुंह की पूजा की जाती है, जबकि संपूर्ण शरीर की पूजा नेपाल की राजधानी काठमांडू के पशुपतिनाथ में की जाती है। रुद्रनाथ मन्दिर के सामने से नंदा देवी और त्रिशूल पर्वत की हिमाच्छादित चोटियाँ दिखाई देती हैं।


पुस्तक का नाम- जादुई बुग्यालों के पार
विधा- यात्रावृतांत
रचनाकार- मनीष ओली
प्रकाशक- विनसर पब्लिशिंग कंपनी, देहरादून 
पुस्तक का मूल्य- 95 ₹ ( द्वितीय संस्करण)


लेखक के विषय में-

 मनीष ओली

       मनीष ओली का जन्म मई, 1981 में उत्तराखंड के डीडीहाट नामक स्थान में हुआ। आपने कुमाऊँ विश्वविद्यालय से बीएससी, एम ए (पत्रकारिता), एम ए (हिंदी) की शिक्षा प्राप्त की। आपने एक दशक तक दैनिक हिंदुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, नवभारत आदि समाचार पत्रों में कार्य किया। पत्रकारिता हेतु आपको उत्तराखंड प्रेस क्लब का बेस्ट डिफेंस रिपोर्टिंग अवार्ड-2007 भी प्राप्त हुआ है। आप चंपावत जनपद के सुईं गाँव के स्थाई निवासी हैं और वर्तमान में उत्तराखंड पावर कार्पोरेशन में कार्यरत हैं। 

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