कठिन नहीं कोई भी काम, हर काम संभव है। मुश्किल लगे जो मुकाम, वह मुकाम संभव है - डॉ. पवनेश।

Category: डॉ. पवनेश का साहित्य ( Admin’s literature )

गाँव, मंदिर, कंकाल और वह जंगल के बीच का झरना

यात्रावृतांत- गाँव, मंदिर, कंकाल और वह जंगल के बीच का झरना          कल मुझे अपने शिक्षक साथी गणेश चंद्र शर्मा के साथ अल्मोड़ा के समीपवर्ती ग्राम बल्टा के भ्रमण का सौभाग्य प्राप्त हुआ। बल्टा गाँव के भ्रमण का उद्देश्य यह था कि यह अल्मोड़ा का समीपवर्ती सब्जी उत्पादक गाँव है। यहाँ के

क्या उत्तराखंड की लोकभाषाएं 8वीं अनुसूची में शामिल हो पायेंगी

पोर्टल के माध्यम से प्रधानमंत्री जी को लिखा गया पत्र– सेवा में,          प्रधानमंत्री,          भारत सरकार, नई दिल्ली।  विषय- कुमाउनी और गढ़वाली लोक बोलियों को 8 वीं अनुसूची में शामिल करने के संबंध में।  महोदय,          मैं इस पत्र के माध्यम से आपका ध्यान उत्तराखंड
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