वीरों के गीत लिखूंगा     ना सत्ता, ना सिंहासन, ना अमीरों के गीत लिखूंगा।  मैं जब भी कलम चलाऊंगा, वीरों के गीत लिखूंगा।।   भीषण गर्मी, जाड़े में जो,  सरहद पर हैं डटे हुए।  राष्ट्र हित की चाहत में जो,  अपनों से हैं कटे हुए।  मैं तो ऐसे बलशाली,  धीरों के गीत लिखूंगा। मैं