कठिन नहीं कोई भी काम, हर काम संभव है। मुश्किल लगे जो मुकाम, वह मुकाम संभव है - डॉ. पवनेश।

नोवेल कोरोना वायरस ( Novel Coronavirus-Covid 19 )- विस्तृत जानकारी व बचाव के उपाय



नोवेल कोरोना वायरस  COVID-19

        विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत, ब्रिटेन और अमरीका समेत कोरोना वायरस, कोविड 19 अब दुनिया के 150 देशों में फैल गया है और इसके कारण 8000 से अधिक मौतें हो चुकी हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे एक महामारी घोषित किया है। भारत और अमरीका ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए अपने यहां यात्रा प्रतिबंध लागू किए हैं। 

  क्या है कोरोनावायरस ? 

     कोरोनावायरस (Coronavirus) कई वायरस (विषाणु) प्रकारों का एक समूह है, जो स्तनधारियों और पक्षियों में रोग के कारक होते हैं। यह आरएनए वायरस होते हैं। मानवों में यह श्वास तंत्र संक्रमण के कारण होते हैं, जो कभी-कभी जानलेवा साबित होते हैं। गाय और सुंअर में यह अतिसार और मुर्गियों में यह ऊपरी श्वास तंत्र के रोग के कारण बनते हैं। इनकी रोकथाम के लिए कोई टीका (वैक्सीन) या वायररोधी (antiviral) अभी उपलब्ध नहीं है और इसका उपचार प्राणी की अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली पर निर्भर करता है। इस बीमारी के दौरान रोगलक्षणों (जैसे, निर्जलीकरण, डीहाइड्रेशन, ज्वर आदि) के आधार पर मरीज का उपचार किया जाता है, ताकि संक्रमण से लड़ते हुए शरीर की शक्ति बनी रहे।

कोरोनावायरस कोविड-19

       कोरोनावायरस कोविड-19 ‘कोरोनावायरस’ समूह के वायरसों का एक उदाहरण है, जिसका संक्रमण सन् 2019-20 के काल में वुहान कोरोना वायरस प्रकोप के रूप में फैलता जा रहा है। WHO ( विश्व स्वास्थ्य संगठन ) ने इसका नाम COVID-19 रखा है। 

कोरोना विषाणु (Coronavirus) का वर्गीकरण

समूह- Group IV (+)एसएसआरएनए
अधिजगत- वायरस (Virus)
जगत- राइबोविरिया (Riboviria)
संघ- अनिश्चित
गण- नीडोविरालीस (Nidovirales)
कुल- कोरोनाविरिडाए (Coronaviridae)
उपकुल-ऑर्थोकोरोनाविरिनाए (Orthocoronavirinae)
वंश- अल्फा कोरोनावायरस (Alfacoronavirus), 
बेटाकोरोनावायरस (Betacoronavirus), 
गामाकोरोनावायरस (Gammacoronavirus), 
डेल्टाकोरोनावायरस (Deltacoronavirus)। 

कोरोना शब्द की नामोत्पत्ति

     लैटिन (लातीनी) भाषा में ‘कोरोना’ का अर्थ ‘मुकुट’ होता है और इस वायरस के कणों के इर्द-गिर्द उभरे हुए कांटे जैसे ढाँचों से इलेक्ट्रान सूक्षमदर्शी में मुकुट जैसा आकार दिखता है, इसी आधार पर इस वायरस का नामकरण किया गया है।

 नोवेल कोरोना वायरस
( कोविड-19) का उद्गम

    नोवेल कोरोनावायरस (novel coronavirus: covid-19) जिसे वुहान कोरोनावायरस (Wuhan coronavirus) नाम भी दिया गया है,  एक संक्रामक वायरस है। इसकी पहचान सर्वप्रथम सन् 2019-20 में वुहान, हूबेई, चीन में की गई। इसके पशुजन्य रोग होने के संकेत मिलते हैं। इस वायरस से संक्रमित पहले ज्ञात रोगी वुहान के एक ऐसे बाज़ार से सम्बन्धित थे, जहाँ तरह-तरह के प्राणी माँस के लिए बिकते थे। ऐसी आशंका जताई गई है कि यह आरम्भ में चमगादड़ से मानव में फैला हो, क्योंकि इस बाज़ार में चमगादड़ भी खाए जाते हैं तथा इस वायरस का चमगादड़ों में पाए जाने वाले कुछ कोरोना वायरसों से अनुवांशिक समानताएँ भी मिलती हैं। इस प्रकार यह वायरस चमगादड़ जीव के भक्षण से मानव में संक्रमित हुआ है।

        कोरोना वायरस का संक्रमण

       जब कोरोना वायरस से संक्रमित कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उसके थूक के बेहद बारीक कण हवा में फैलते हैं। इन कणों में कोरोना वायरस के विषाणु होते हैं। संक्रमित व्यक्ति के नज़दीक जाने पर ये विषाणुयुक्त कण सांस के रास्ते मानव के शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। साथ ही संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने, गले मिलने, जूठा भोजन करने आदि से भी यह दूसरे व्यक्ति में संक्रमित हो सकता है।

कोरोना वायरस का विश्व पर प्रभाव

      दुनिया भर में कोरोना वायरस के सैंकड़ों मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन ये भी माना जा रहा है कि अब भी कई मामले स्वास्थ्य एजेंसियों की नज़र से बच गए होंगे। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार दुनिया के लगभग 180 देशों  में अब तक कोरोना वायरस के संक्रमण के 1,50000  मामलों की पुष्टि हो चुकी है। इसके कारण अब तक पांच हज़ार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इस वायरस के संक्रमण के सबसे अधिक मामले चीन, इटली, ईरान और कोरिया में सामने आए हैं।

कोरोना वायरस का भारत पर प्रभाव

     भारत में कोरोना वायरस के अब तक 300 मामले प्रकाश में आ चुके हैं। सर्वाधिक मामले महाराष्ट्र से सामने आये हैं। यहाँ अभी तक 50 से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गये हैं।   

 कोरोना वायरस के लक्षण

1. तेज बुखार। 
2. बुखार के बाद सूखी खांसी का आना। 
3. वयस्क आमतौर पर असहज महसूस करते हैं। 
4. सिरदर्द। 
5. श्वसन संबंधी परेशानी। 
6. सर्दी लगना। 

      इंसान के शरीर में पहुंचने के बाद कोरोना वायरस उसके फेफड़ों में संक्रमण करता है। इस कारण सबसे पहले बुखार, उसके बाद सूखी खांसी आती है। बाद में सांस लेने में समस्या हो सकती है। वायरस के संक्रमण के लक्षण दिखना शुरू होने में औसतन पाँच दिन लगते हैं। हालांकि वैज्ञानिकों का मानना है कि कुछ लोगों में इसके लक्षण काफी दिनों बाद में भी देखने को मिल सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वायरस के शरीर में पहुंचने और लक्षण दिखने के बीच 14 दिनों तक का समय हो सकता है। कोरोना वायरस उन लोगों के शरीर से अधिक फैलता है, जिनमें इसके संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं, लेकिन कई जानकार मानते हैं कि व्यक्ति को बीमार करने से पहले भी ये वायरस फैल सकता है। बीमारी के शुरुआती लक्षण सर्दी और फ्लू जैसे ही होते हैं, जिससे कोई भी व्यक्ति आसानी से भ्रमित हो सकता है। 

        कोरोना वायरस के दुष्प्रभाव

         कोरोना वायरस के संक्रमण के आँकड़ों की तुलना में मरने वालों की संख्या को देखा जाए तो यह बेहद कम है, हालांकि इन आंकड़ों पर पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता, लेकिन फिर भी आंकड़ों की मानें तो संक्रमण होने पर मृत्यु की दर केवल एक से दो फीसदी हो सकती है। फिलहाल 150 से अधिक देशों में इससे संक्रमित हजारों लोगों का इलाज चल रहा है। वर्तमान में विश्व भर में इससे संक्रमित लोगों की संख्या 150000 पार कर गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का एक अध्ययन बताता है कि 6 फीसदी लोग इस वायरस के कारण गंभीर रूप से बीमार हुए। इनमें फेफड़े फेल होना, सेप्टिक शॉक, ऑर्गन फेल होना और मौत का जोखिम था। 14 फीसदी लोगों में संक्रमण के गंभीर लक्षण देखे गए। इनमें सांस लेने में दिक्क़त और जल्दी-जल्दी सांस लेने जैसी समस्या हुई। 80 फीसदी लोगों में संक्रमण के बुखार और खांसी जैसे मामूली लक्षण देखे गए। कई लोगों में इस वायरस के कारण निमोनिया भी देखा गया। यह वायरस वृद्धों और पहले से ही अस्थमा, मधुमेह और हृदय रोग जैसी बिमारियों का सामना कर रहे मरीजों के लिए घातक सिद्ध हो रहा है।  

   कोरोना वायरस से बचाव के उपाय

1. कोरोना वायरस से बचने के लिए नियमित रूप से अपने हाथ साबुन और पानी से अच्छे से धोने चाहिए। 

2. अगर कोई व्यक्ति किसी ऐसी जगह को छूता है, जहां ये कण गिरे हैं और फिर उसके बाद उसी हाथ से अपनी आंख, नाक या मुंह को छूता है तो ये कण उसके शरीर में पहुंचते हैं। ऐसे में खांसते और छींकते समय टिश्यू/रूमाल का इस्तेमाल करना और अच्छी तरह हाथ धोकर कार्य करना व्यक्ति को वायरस के संक्रमण से बचा सकता है।

3. चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार फेस मास्क इससे प्रभावी सुरक्षा प्रदान नहीं करते, लेकिन फिर भी इसका प्रयोग लाभदायक ही है। मास्क न होने पर आप रूमाल का भी प्रयोग कर सकते हैं। 

4. कोरोना वायरस का इलाज इस बात पर आधारित होता है कि मरीज़ के शरीर को सांस लेने में मदद की जाए और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाए ताकि व्यक्ति का शरीर खुद वायरस से लड़ने में सक्षम हो जाए। अतः प्रतिरोध क्षमता बढ़ाने वाला खान-पान आपके लिए लाभकारी रहेगा। 

5. संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें। 

6. जिन्हें लगता है कि वो संक्रमित हैं तो उन्हें डॉक्टर, फार्मेसी या अस्पताल नहीं जाना चाहिए बल्कि अपने इलाके में मौजूद स्वास्थ्य कर्मी से फोन पर या ऑनलाइन जानकारी लेनी चाहिए। साथ ही हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करना चाहिए। 

7. यदि आप विदेशी यात्री हैं तो जब तक जांच न हो जाय तब तक दूसरों से दूरी बनाए रखें। 

8. खान-पान में विटामिन-सी युक्त भोज्य पदार्थों का सेवन करें। 

9. धूप में रहें। 

10. बासी और ठंडे भोज्य पदार्थों का सेवन ना करें।



बरतिये ये सावधानियां

1.  स्वयं को एकांत ( सेल्फ आइसोलेशन ) में रखिये यानि 14 दिनों तक घर में रहिये, काम पर मत जाइए, स्कूल या किसी अन्य सार्वजनिक जगह पर मत जाइए और सार्वजनिक परिवहन और टैक्सी से दूर रहिए। 

2. आपको घर के भीतर भी खुद को परिवार के दूसरे लोगों से अलग रखना चाहिए। 

3. अगर आपको घर के सामान की ज़रूरत है या कोई दवा चाहिए या फिर कोई शॉपिंग करनी है तो मदद लें, दरवाजे पर डिलेवरी हो सकती है लेकिन आप किसी को घर आने के लिए न कहें। 

3. आप को अपने पालतू पशुओं से भी दूर रहना चाहिए और अगर ये संभव न हो तो उन्हें छूने से पहले और बाद में ठीक से हाथ जरूर साफ करें। 

4. कोरोना वायरस का संक्रमण छींकने या खांसने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में हो सकता है। ये वायरस किसी सतह पर भी अस्तित्व में रह सकता है और वो भी संभवतः कई दिनों तक। इसलिए ये अहम है कि आपने फोन और अन्य उपयोगी वस्तुओं को साफ रखें। 

5. संक्रमित व्यक्ति के हाथ का बना भोजन खाने से बचें।

6. अधिक तापमान पर वायरस के फैलने के चांस कम रहते हैैं, इसलिए सूरज की धूप में रहें। 

7. भीड़-भाड़ वाले स्थानों में जाने से बचें ।

8. हाथों को नियमित रूप से धोते रहें और साफ-सफाई रखें। 


ये भी जानकारियां जरूरी हैं

1. इस वायरस का आकार 400 से 500 माइक्रोन होता तो कोई भी मास्क इसे रोक सकता है। ज्यादा कीमत का मास्क लेने की जरूरत नहीं।

2. यह वायरस हवा में नहीं रहता , यह किसी वस्तु पर या किसी जीव पर ही एक जगह से दूसरी जगह जाता है। इसलिए यह हवा से नहीं फैलता।

3. यह वायरस धातु पर पड़ा हो तो 12 घंटों तक ही जीवित रहता है, किसी ऐसी संक्रमित धातु को छूने के बाद साबुन और पानी से अच्छी तरह हाथ धोएं।

4. कपड़ों पर यह वायरस लगभग 9 घंटों तक रहता है। कपड़ों को अच्छे तरह साबुन से धोएं और धूप में सुखाएं।

5. हाथों पर यह वायरस लगभग 10 मिनट तक रहता है, इसलिए एल्कोहोल स्ट्रिलाइजर को लगाकर बचाव करें या हाथों को गर्म पानी व साबुन से अच्छी तरह धोएं। 

6. गर्म नमक के पानी से गरारे करें, यह वायरस को फेफड़ों तक पहुंचने से रोकता है।

7. बच्चों और युवाओं पर इस वायरस का प्रभाव न्यून है। यह उन लोगों पर अधिक प्रभाव डालता है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है। 

ये नुस्खे भी आपको वायरस संक्रमण से बचा सकते हैं

1. सर्दी बिल्कुल नही होने दें। जुकाम-बुखार आते ही क्रोसिन सुबह, दोपहर, शाम को 1-1 गोली 3 बार लेवें। विक्स का इन्हेलर पास में रखें। रात सोते समय नाक कान गले और माथे पर विक्स लगायें।

2.अपने गले को नम रखने की कोशिश कीजिए। 

3. गला सूखने जैसा हो तो तुरत पानी पिएँ। 

4. जितना हो सके गुनगुने पानी में नींबू निचोड़ कर पियें। आंवले का सेवन करें। मतलब विटामिन-C का अधिकाधिक प्रयोग करें।

5. 1 कप गर्म दूध में चुटकी भर हल्दी पाउडर डाल कर चाय की तरह कम से कम 2 बार रोज सेवन करें।

6. किसी से भी हाथ मिलाने से परहेज करें।

7. हाथों को हमेशा धोएं। 

8. सर्दी, जुकाम वाले व्यक्ति के सम्पर्क से बचने की कोशिश करें या मास्क लगा कर मिलें।

किसी भी प्रकार के वायरस से बचाव के स्थाई उपाय

1. शाकाहारी बनें। 

2. घर पर बने भोजन का अधिक उपयोग करें। 

3. सादा जीवन, उच्च विचार को अपने जीवन का आदर्श बनायें। भारतीय मूल्यों को जीवन में अपनायें और भोग-विलास से दूर रहें। 

4. अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम न होने दें और पर्याप्त पोषक तत्वों वाले भोजन का सेवन करें। मांसाहार कदापि न करें। 

5. नियमित योगाभ्यास करें और शरीर को स्वस्थ रखें।   

     उपर्युक्त स्थाई उपायों से आपको कोई भी वायरस सीधे-सीधे कभी संक्रमित नहीं हो सकता है।

भारत में हेल्पलाइन नंबर

      भारत में कोरोना वायरस से संबंधित जानकारी के लिए भारत सरकार के टोल फ्री नंबर 1075 और +91-11-23978046 पर संपर्क कीजिये। उत्तराखंड में कोरोना वायरस हेतु हेल्पलाइन नंबर है- 104

 कोरोना-वायरस के लिए केंद्रीय हेल्पलाइन नंबर-
+ 91-11-23978046
Central Helpline Number for corona-virus: – +91-11-23978046

राज्यों के हेल्पलाइन नंबर  

1. आंध्र प्रदेश- 0866-2410978
2. अरुणाचल प्रदेश- 9436055743
3.असम- 6913347770
4. बिहार- 104
5. छत्तीसगढ़- 104
6. गोवा- 104
7. गुजरात- 104
8. हरियाणा- 8558893911
9. हिमाचल प्रदेश- 104
10. झारखंड- 104
11. कर्नाटक- 104
12. केरल- 0471-2552056
13. मध्य प्रदेश- 0755-2527177
14. महाराष्ट्र- 020-26127394
15. मणिपुर- 3852411668
16. मेघालय- 108
17. मिजोरम- 102
18. नगालैंड- 7005539653
19. ओडिशा- 9439994859
20. पंजाब- 104
21. राजस्थान- 0141-2225624
22. सिक्किम- 104
23. तमिलनाडु- 044-29510500
24. तेलंगाना- 104
25. त्रिपुरा- 0381-2315879
26. उत्तराखंड- 104
27. उत्तर प्रदेश- 18001805145
28. पश्चिम बंगाल- 1800313444222, 03323412600

केंद्र शासित प्रदेशों के हेल्पलाइन नंबर

1. अण्डमान और निकोबार द्वीप- 03192-232102
2. चंडीगढ़- 9779558282
3. दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव- 104
4. दिल्ली- 011-22307145
5. जम्मू और कश्मीर- 01912520982, 0194-2440283
6. लद्दाख- 01982256462
7. लक्षद्वीप- 104
8. पुडुचेरी- 104 

      * स्रोत- वीकिपीडिया व विभिन्न मीडिया स्रोत। 

* हम ईश्वर से वायरस संक्रमित सभी लोगों के शीघ्र      स्वस्थ होने व इस वायरस से संपूर्ण विश्व को निजात मिलने की प्नार्थना करते हैं। 



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