कठिन नहीं कोई भी काम, हर काम संभव है। मुश्किल लगे जो मुकाम, वह मुकाम संभव है - डॉ. पवनेश।

Category: पुस्तक चर्चा ( Book review )

रूद्रनाथ की अलौकिक यात्रा का वर्णन: जादुई बुग्यालों के पार

रूद्रनाथ की अलौकिक यात्रा का वर्णन: जादुई बुग्यालों के पार साथियों, पुस्तक चर्चा के अन्तर्गत आज हम बात करेंगे यात्रावृतांत ‘जादुई बुग्यालों के पार’ का। इस पुस्तक के लेखक हैं- मनीष ओली। पुस्तक के विषय में- जादुई बुग्यालों के पार      ‘जादुई बुग्यालों के पार’ पुस्तक के लेखक मनीष ओली हैं। इस पुस्तक का

त्रिभुवन गिरि का आंचलिक खंडकाव्य: क्या पहचान प्रिया की होगी

हिंदी खंडकाव्य: क्या पहचान प्रिया की होगी साथियों, पुस्तक चर्चा के अन्तर्गत आज हम बात करेंगे हिंदी खंडकाव्य ‘क्या पहचान प्रिया की होगी’ की। इस खंडकाव्य के रचयिता हैं- त्रिभुुवन गिरि।   खंडकाव्य के विषय में- क्या पहचान प्रिया की होगी      ‘क्या पहचान प्रिया की होगी’ उत्तराखंड के प्रसिद्ध लेखक त्रिभुवन गिरि का हिंदी

कुमाउनी खंडकाव्य-पंचप्रिया: डॉ. पीताम्बर अवस्थी

कुमाउनी खंडकाव्य-पंचप्रिया: डॉ. पीताम्बर अवस्थी   साथियों, आज हम पिथौरागढ़ के लेखक व समाजसेवी डॉ. पीतांबर अवस्थी द्वारा रचित कुमाउनी खंडकाव्य ‘पंचप्रिया’ के विषय में चर्चा करते हैं-  पुस्तक के विषय में-            पंचप्रिया            पंचप्रिया डॉ. पीतांबर अवस्थी जी का कुमाउनी खंडकाव्य है। यह खंडकाव्य वर्ष 2020 में

आयुर्वेद पर केंद्रित कुमाउनी पुस्तक: रोगनाशी जड़ी बूटियाँ 

    साथियों, आज हम पिथौरागढ़ के लेखक व समाजसेवी डॉ. पीतांबर अवस्थी द्वारा लिखित आयुर्वेदिक पुस्तक रोगनाशी जड़ी- बूटियाँ के विषय में चर्चा करते हैं-  पुस्तक के विषय में-  रोगनाशी जड़ी- बूटियाँ (लेख संग्रह)         डॉ. पीताम्बर अवस्थी की कुमाउनी में लिखित यह पुस्तक जड़ी- बूटियों पर जानकारी देने वाली अत्यंत महत्वपूर्ण

न्यौलि विधा की एकमात्र पुस्तक: न्यौलि सतसई

    प्रिय पाठकों, आज हम आपको ले चलते हैं उत्तराखंड के लोक साहित्य की ओर और चर्चा करते हैं लोक साहित्य की विधा ‘न्यौली’ से संबंधित पुस्तक ‘न्यौली सतसई’ की। पुस्तक के विषय में- न्यौली सतसई         ‘न्यौली सतसई-१’ पुस्तक के लेेेेखक डॉ. देव सिंह पोखरिया हैं। इस पुुुस्तक का प्रकाशन

बंशीधर पाठक ‘जिज्ञासु’ का कविता संग्रह- सिसौण

कुमाउनी कविता संग्रह: सिसौण Kumauni Poetry Collection: Sisaun ‘सिसौण’ कुमाउनी कवि बंशीधर पाठक ‘जिज्ञासु’ का कविता संग्रह है। आइये जानते हैं पुस्तक और रचनाकार के विषय में- कविता संग्रह के विषय में- सिसौण      ‘सिसौण’ कुमाउनी कवि बंशीधर पाठक ‘जिज्ञासु’ का कविता संग्रह है। इस संग्रह के पहले संस्करण का प्रकाशन 1984 में नंदा

चारूचंद्र पांडे का कुमाउनी कविता संग्रह: अङवाल

कुमाउनी कविता संग्रह: अङवाल Kumauni Poetry Collection: anwal ‘अङवाल’ साहित्य अकादमी भाषा पुरस्कार से पुरस्कृत कवि चारू चंद्र पांडे का कविता संग्रह है। आइये जानते हैं पुस्तक और रचनाकार के विषय में- कविता संग्रह के विषय में- अङवाल      ‘अङवाल’ कुमाउनी कवि चारूचंद्र पांडे का कविता संग्रह है। इस संग्रह के पहले संस्करण का

मानसखंड: कुमाऊँ के इतिहास की महत्वपूर्ण पुस्तक

     कुमाऊँ के इतिहास, समाज और संस्कृति को जानने के लिए हेमा उनियाल द्वारा लिखित ‘मानसखंड’ एक महत्वपूर्ण पुस्तक है। आइये जानते हैं पुस्तक के विषय में- पुस्तक परिचय- मानसखंड      मध्य हिमालय उत्तराखंड दो मंडलों कुमाऊँ एवं गढ़वाल में विभक्त है, जिसके अंतर्गत 13 जनपद शामिल हैं। प्राचीन साहित्य में कुमाऊँ को

उत्तराखंड में नंदा- माँ नंदा पर केंद्रित महत्वपूर्ण पुस्तक

प्रिय पाठकों, आज हम बात करते हैं माँ नंदा पर महत्वपूर्ण जानकारी देने वाली शोधपरक पुस्तक ‘उत्तराखंड में नंदा’ के विषय में- पुस्तक के विषय में- उत्तराखंड में नंदा        ‘उत्तराखंड में नंदा’ डॉ. ललित चंद्र जोशी ‘योगी’ द्वारा लिखित पुस्तक है। यह पुस्तक देवभूमि प्रकाशन, हल्द्वानी से 2015 में प्रकाशित हुई है।

मां नंदा की महिमा गाथा- माँ नंदा चालीसा

प्रिय पाठकों, क्या आपको पता है गोस्वामी तुलसीदास जी रचित ‘हनुमान चालीसा’ की तर्ज पर ‘माँ नंदा चालीसा’ की भी रचना की गई है। आइये जानते हैं इस पुस्तक के विषय में- पुस्तक के विषय में- माँ नंदा चालीसा         ‘माँ नंदा चालीसा’ की रचना प्रसिद्ध रंगकर्मी ब्रजेंद्र लाल साह ने की।
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