भुवन बिष्ट की कुमाउनी कविताएँ
भुवन बिष्टकि कुमाउनी कविता
१. सरस्वती बंदना
दैण हैजा माता मेरी सरस्वती,
दिये माता भौल बुलाण भलि मति।
एक हाथ किताब त्यौर,
एक हाथ छौ वीणा।
मैं बालक अबोध अज्ञानी,
आयूँ मैं तेरी शरणा।
हाथ जोड़नूं त्यौर खूटांमां,
जलनूँ माता धूप बाती।
दैण हैजा माता मेरी सरस्वती,
दिये माता भौल बुलाण भलि मति।
वीणा की झंकार बजाछै,
ज्ञानौक संचार जगाछै।
हंस सवारी माता प्यारी,
दुनिं में तेरी जै जयकारी।
माता स्वेत वस्त्र धारणी,
ज्ञानकि माता ज्योति जलाणी।
आयूं निर्धन मैं तेरो द्वारा
चढ़ानू माता फूल पाति।
दैण हैजा माता मेरी सरस्वती,
दिये माता भौल बुलाण भलि मति।
पवित्रता सच्चाई माता त्यौर निवासा,
मनोकामना पुरि करछैं सबूकैं आशा।
भलि मति भलि बुद्धि दिये,
माता ज्ञानौक उज्याव करिये।
अज्ञानता मिटै दिये अन्यारा,
माता तेरी जय जयकारा।
रोग दोष कैं दूर करिये,
ज्ञानौक भकार भरिये।
माता बजै दे वीणा झंकारा,
वीणावादनी तेरी जै जयकारा।
त्यौर चरणों में शीश झुकानू,
हर पल त्यौर गुणगान करनू।
पवित्रता कैं छै तू साथी,
हे ज्ञानस्वरूपा बुद्धि दाती।
दैण हैजा माता मेरी सरस्वती,
दिये माता भौल बुलाण भलि मति।।
२. ईजा
ईजा तू छै भौत महान,
करनूँ हम त्यार गुणगान।
कोख में धरि नौ म्हैंणा,
करौं कष्ट तिलै पावणा।
हाथ पकणि हिटण सिखाई,
यौ दुनि संसार दिखाई।
घूरीबेर उठण तिलै बताई,
भौल मति लै तिलै सिखाई।
जीवनौक हर बाटौ में,
दिई ईजा तिलै ज्ञान।
ईजा तू छै भौत महान,
करनू हांम त्यार गुणगान।
सिखाई ईजा भौल बुलाण,
यौ दुणि में दिई पछाण।
दिई तिलै भाल संस्कार,
करौ उज्याव मिटाय अन्यार।
पढा़य लेखायी ज्ञान बढ़ाई,
दुणि में हमौर मान बढ़ाई ।
मानवता लै तिलै बताई,
धरम-करम तिलै सिखाई।
आपण सुख करी न्यौछार,
दुणि में बणा भौल परिवार।
त्यौर कष्टौ कौ छौ सम्मान,
ईजा तू छै भौत महान।
हर जनम त्यौर आँचल मिलो,
हाम सदा करूँ यैक आश।
आयी कतु सुख-दुःख लै,
बिता कष्ट दिन रात जास।
ईजा आशीर्वादैल त्यौर,
बढ़ी जीवन में हामौर मान।
ईजा तू छै भौत महान,
करनू हाम त्यार गुणगान।।
३. भारत माता
जय जय भारत माता,
म्यौर देश भौत महान।
आओ मिलिजुली हाम,
सब करूंलौ गुणगान।।
प्यारा छौ तिरंगा हामौर,
सब जागै लहराई छौ,
राष्ट्र ध्वजकि शान देखीं,
जन-जन मुस्काई छौ।
रक्षा भारत भूमि करण,
हामूकैं समझाई छौ,
देश प्रेम मानवता हामूल,
संस्कारों में पायी छौ।
जन जन की मेहनत याँ,
हामरि देशकि छौ शान।
भारतकैं मिलि बे बणूल,
आओ सबै धन्य-धान।
जय जय भारत माता,
म्यौर देश भौत महान।
आओ मिलिजुली हाम,
सब करूंलौ गुणगान।।…..
एकता दुणि कैं हामूल,
सदा सदा छौ दिखलाई ।
सब धर्मों को देश हामौर,
हाम बणी भाई-भाई ।
नमन वीर शहीदों कैं करूँ,
जैल आजादी छौ दिलाई।
संविधान कि करूँ जयकार,
सब जन अधिकार पाई।
धन्य छौ हर भारतवासी,
जै जय धन्य जय जवान।
अन्न कौ भंडार भर छौं,
जय जय देशौ कौ किसान।
जय जय भारत माता,
म्यौर देश भौत महान।
आओ मिलिजुली हाम,
सब करूंलौ गुणगान।।
४. कुमाउनी दोहे
हाथ जोडी़ विनय करूँ,दिये हामकैं ज्ञान।
माता त्यौर सदा सदा, करनीं सब गुणगान ।।१।।
दूसरों लागि बे हुसुक, न्हैं गौय उँ मलि धार।
कभैं आप बिन योग्यता, नि हूँन बेणा पार।। २।।
फैलि गौ आज जगत में, हुसुका हुसुक बहार।
घरों कैं आपण भरहूँ, जग लुटुहूँ तैयार।३।।
धात लगा सदा दुणिं में, खूब मचा जो शोर ।
छिपाँ आपण अवगुण कैं, मन में जैं ठुल चोर।।४।।
लुपड़ी चुपड़ी जो लगाँ, पड़ी जाँछ जब काम।
पूँछन जो लैं नैं कभैं, उकैं एगे के फाम।।५।।
५. नई सालकि बधाई
नई सालकि सबूंकैं बधाई।
खुशियोंक भरि जौ भकार,
स्वैणा सबूंक हैजौ साकार।
खेतीबाड़ी हैजौ हरिया सार,
आब दूध दै खूब हैजौ बहार।
पहाड़क ठंडी हाव मिठो पाणिक,
सबूंकै लागि जौ नराई……
नई सालकि सबूंकैं बधाई।।
गौं-घर शहर देश विदेश,
मिटजौ सब जाग बै राग-द्वेष।
मानवता खूब तू दैण हैजै।
सबूंक मन में पैलिं ऐजै।
नयी सोच नयी उमंग ऐजौ।
प्रेम भाव सबूंक संग हैजौ।
नयी सालकि स्वागत छूँं,
पुराण सालकिं हैगे विदाई।
नई सालकि सबूंकैं बधाई।।
सबूं आब सब बिगड़ी काम हैजौ,
भारतक सारे दुणीं में नाम हैजौ।
कथैं निं हो आब अत्याचार ,
रोजगारक खूब खूलि जौ द्वार।
अस्पतावों में डाक्टर सैप ऐजौ,
स्कूलों में मैडम मासैप ऐजौ।
पलायनकिं पीड़ आब कम हैजौ,
कथैं निं लागो आब ताई।
नई सालकि सबूंकैं बधाई।।
आवारा गोरूबाछ बानर सब दूर हैजौ,
ग्यू मडू धान साग पात सब भरपूर हैजौ।
गौ गौनूमें विकासकिं भरमार हैजौ।
सबूंक नयी सालमें जै जयकार हैजौ।
नयी साल दैण हैजौ द्वी हजार बीस।
सबूंकैं बरकत ऐजो नि करिया रिस।
भौल बुलाण भौल बाट भलि मति ऐजौ।
सबूंक आशा पूरिं हैजो जो छूंँ लगाई।
नई सालकि सबूंकैं बधाई।
नई सालकि सबूंकैं बधाई।।
*रचनाकार परिचय*
नाम – भुवन बिष्ट
बौज्यू- श्री पूरन सिंह बिष्ट
ईजा – श्रीमती राधा देवी
जन्मतिथि- 01/07/1980
जन्मस्थान- रानीखेत, उत्तराखंड
पता- मौना (रानीखेत), पोस्ट -चौकुनी
जिला-अल्मोड़ा, उत्तराखंड -263645
ई.मेल[email protected]
मो.- 08650732824
शैक्षिक योग्यता- परास्नातक , बी.एड.
अन्य.- प्रतिष्ठित पत्र /पत्रिकाओं में कविता, लेख , कहानी लेखन, हिन्दी एवं कुमांऊनी में निरंतर लेखण।
सम्मान- *कुमांऊनी भाषा प्रसार समिति पहरू, कसारदेवी अल्मोड़ा उत्तराखण्ड द्वारा बाल कविता लेखन 2016 में पुरूस्कृत/सम्मानित।
* विश्व रचनाकार मंच नई दिल्ली द्वारा हिन्दी सेवी सम्मान 2017 से सम्मानित।
* कुमांउनी भाषा प्रसार समिति पहरू अल्मोड़ा, उत्तराखण्ड द्वारा हास्य व्यंग कुमांऊनी कविता लेखन-2017 में सम्मानित।
* काव्य रंगोली हिन्दी साहित्यिक पत्रिका द्वारा साहित्य भूषण सम्मान-2017 से सम्मानित।
*मातृत्व ममता सम्मान-2018
*हरफनमौला साहित्यिक संस्था हल्द्वानी द्वारा फागोत्सव प्रतियोगिता सम्मान-2018
*आंचलिक भाषा संस्था हरियाणा द्वारा फणीश्वर नाथ रेणु आंचलिक भाषा साहित्य सम्मान-2018
*आंचलिक भाषा सेतु सम्मान-2018
*आंचलिक भाषा साहित्य प्रतिभा सम्मान-2018
*सर्व भाषा ट्रस्ट नई दिल्ली द्वारा सूर्यकांत त्रिपाठी निराला साहित्य सम्मान-2018
* स्टार हिंदी ब्लाग ई पत्रिका व राष्ट्रीय कवि चौपाल द्वारा स्टार हिंदी साहित्यकार सम्मान- 2019
प्रकाशित पुस्तक– ‘जीवन एक संघर्ष‘-हिन्दी काव्य संग्रह, ‘निकलि रै प्रभातफेरी’-कुमाऊनी बाल कविता संग्रह।
प्रकाशन प्रतीक्षारत – हिन्दी बाल कविता संग्रह, हिन्दी कविता संग्रह, कुमांऊनी वंदना एवं कुमाउनी कविता संग्रह, महान देवभूमि-हिन्दी लेख संग्रह।
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