छह साल की छोकरी: बहस के दायरे में NCERT की कक्षा-1 की हिंदी की किताब ‘रिमझिम’ की ‘छै साल की छोकरी’ कविता को लेकर सोशल मीडिया में जोरदार बहस छिड़ गई है। कुछ लोग तो बिना कवि और उसके कालखंड को जाने टिप्पणी कर रहे हैं। यह कविता कवि रामकृष्ण शर्मा खद्दर की
हिंदी खंडकाव्य: क्या पहचान प्रिया की होगी साथियों, पुस्तक चर्चा के अन्तर्गत आज हम बात करेंगे हिंदी खंडकाव्य ‘क्या पहचान प्रिया की होगी’ की। इस खंडकाव्य के रचयिता हैं- त्रिभुुवन गिरि। खंडकाव्य के विषय में- क्या पहचान प्रिया की होगी ‘क्या पहचान प्रिया की होगी’ उत्तराखंड के प्रसिद्ध लेखक त्रिभुवन गिरि का हिंदी
राजपथ पर कल यूँ दिखाई देगा उत्तराखंड का सौंदर्य- 72वें गणतंत्र दिवस के लिए उत्तराखंड की झांकी है तैयार कल संपूर्ण देश 72वां गणतंत्र दिवस मनाने के लिए उत्साहित है। कोरोना महामारी के कारण इस बार राजपथ पर आयोजित परेड में कोई मुख्य अतिथि ( चीफ गेस्ट) नहीं होगा। देश के
कक्षा-12, हिंदी, वर्ष 2016 की उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा का प्रश्न पत्र 1. प्रश्न पत्र आनलाइन पढ़िए- 2. प्रश्न पत्र का पीडीएफ डाउनलोड कीजिए- Hindi_Class_12_2016 Share this post
अनुवाद लेखन से होगा कुमाउनी साहित्य का विकास *12 वां तीन दिवसीय राष्ट्रीय कुमाउनी भाषा सम्मेलन हुआ शुरू। * स्थान- पं० जी० बी० पंत राजकीय संग्रहालय, अल्मोड़ा। कुमाउनी में अनुवाद का कार्य व्यापक स्तर पर हो रहा है। अन्य भाषाओं के श्रेष्ठ साहित्य का कुमाउनी में अनुवाद करने से कुमाउनी साहित्य का
अल्मोड़ा दशहरा: रावण परिवार के भयानक पुतले अल्मोड़ा के दशहरे को विश्व पटल पर प्रतिष्ठित करने में यहाँ बनने वाले रावण परिवार के पुतलों का विशेष महत्व है। देखिए पिछले वर्ष के रावण परिवार के भयानक पुतले- Share this post
श्री लक्ष्मी भंडार, हुक्का क्लब की रामलीला साथियो, यदि कोरोना वायरस न फैला होता तो आजकल पूरे देशभर में रामलीला के मंचन से माहौल राममय हुआ रहता। हमारे कुमाऊं अंचल में रामलीला नाटक के मंचन की परंपरा का इतिहास 160 वर्ष से भी अधिक पुराना है। इसी परंपरा में अल्मोड़ा जनपद के श्री
शेखर जोशी की गलता लोहा कहानी और गणनाथ कालेज के वे पुराने दिन साथियों आज हम आपको शेखर जोशी की कहानी के माध्यम से ले चलते हैं अल्मोड़ा के ताकुला ब्लॉक में स्थित गणानाथ मंदिर व गणानाथ इंटर कॉलेज की ओर… साथियों, कक्षा 11 की एन सी ई
आज मनाया जा रहा है संपूर्ण कुमाऊँ में लोकपर्व खतड़ुवा ‘खतड़ुवा’ पशुधन की समृद्धि की कामना के लिए मनाया जाने वाला कुमाऊँ का प्रमुख लोकपर्व है। इस दिन पशुओं को भरपेट हरी घास खिलायी जाती है। शाम के समय घर की महिलाएं खतड़ुवा (एक छोटी मशाल) जलाकर उससे गौशाला के अन्दर लगे मकड़ी के
इन दिनों: अल्मोड़ा का नंदादेवी मंदिर इन दिनों अल्मोड़ा का ऐतिहासिक नंदा देवी मंदिर नंदा पर्व के कारण अलग ही छटा बिखेर रहा है। चंद राजवंश के राजाओं द्वारा निर्मित यह मंदिर वर्तमान में भी अपनी ऐतिहासिकता व सांस्कृतिक विरासतों के कारण सदैव जीवंतता लिए हुए रहता है। इस बार नंदा-सुनंदा की झांकियां