September 17, 2019
मेरा गाँव
मेरा गाँव
पंछी गा रहे हैं शाखों पर
शबनम नाच रही है पत्तों पर
भंवरे मस्त हैं फूलों पर
तितलियाँ झूल रही हैं झूलों पर
डाकिया ले जा रहा है पत्र
कच्ची पुलिया पर चलकर
नदी के उस पार
बारात गुजर रही है
सरसों के खेतों से होकर
गूंज रही है ध्वनि
हवाओं में नगाड़ों की
मेरे गांव की छवि
अभी लग रही है
अठारह वर्ष के युवा-सी।
© Dr. Pawanesh
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Nice pawan sir, i big fan of you ..
धन्यवाद मठपाल जी।