मेरा गाँव   पंछी गा रहे हैं शाखों पर शबनम नाच रही है पत्तों पर   भंवरे मस्त हैं फूलों पर तितलियाँ झूल रही हैं झूलों पर   डाकिया ले जा रहा है पत्र कच्ची पुलिया पर चलकर नदी के उस पार   बारात गुजर रही है सरसों के खेतों से होकर गूंज रही है