कठिन नहीं कोई भी काम, हर काम संभव है। मुश्किल लगे जो मुकाम, वह मुकाम संभव है - डॉ. पवनेश।

प्रेम

                  प्रेम

दारोगा जी थाने में बैठे हुए थे।

एक आरोपी को उनके सामने लाया गया तो, उन्होंने आरोपी को डांटते हुए पूछा- “तुमने उस लड़की के मुंह पर तेजाब क्यों फैंका ?”

आरोपी ने सिर ऊंचा करते हुए दृढ़ता से कहा- “क्योंकि मैं उससे प्रेम करता था….।”

यह जवाब सुनकर दारोगा जी निरूत्तर हो गये।

 

© Dr. Pawanesh

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