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प्रो० जगत सिंह बिष्ट: एक प्रतिभावान छात्र से वर्तमान कुलपति तक का सफर है कठिन कुछ भी नहीं, जिनके है जी में यह ठना।  कोस कितने ही चलें, पर वे कभी थकते नहीं॥      साहित्यकार अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ की उपर्युक्त पक्तियाँ आकर्षक व्यक्तित्व एवं बहुमुखी प्रतिभा के धनी प्रो० जगत सिंह बिष्ट के

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कविता संग्रह राफ और राफ से चयनित 5 कविताएँ        डॉ. देव सिंह पोखरिया के ‘राफ’ कविता संग्रह को वर्ष 2022 का शेर सिंह बिष्ट ‘अनपढ़’ कुमाउनी कविता पुरस्कार देने की घोषणा हुई हैं। यहाँ प्रस्तुत है ‘राफ’ कविता संग्रह के विषय में संक्षिप्त जानकारी व संग्रह से चयनित 5 कविताएँ- राफ कविता

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शेर सिंह बिष्ट ‘अनपढ़’ कुमाउनी कविता पुरस्कार 2022 से डॉ. देवसिंह पोखरिया होंगे सम्मानित अल्मोड़ा, कुमाउनी साहित्य में इस वर्ष का शेर सिंह बिष्ट ‘अनपढ़’ कुमाउनी कविता पुरस्कार कुमाउनी कवि डॉ. देवसिंह पोखरिया को दिया जाएगा। कविता पुुुरस्कार हेतु चयनित समिति के सदस्यों द्वारा विचार-विमर्श के बाद डॉ. देवसिंह पोखरिया (पिथौरागढ़) का नाम घोषित किया

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शिक्षक दिवस पर पुरस्कृत हुए मेधावी विद्यार्थी अल्मोड़ा, रा० इ० काॅ० नाई (अल्मोड़ा) में शिक्षक दिवस समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का सुभारम्भ विद्यालय के प्रधानाचार्य अनिल कुमार कठेरिया ने मां सरस्वती व डाॅ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्रों के समक्ष दीप प्रज्वलन से किया। इसके पश्चात विद्यालय की छात्राओं ने विद्यालय के शिक्षकों का

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रा० इ० का० नाई में धूमधाम से मनाया गया स्वतंत्रता दिवस अल्मोड़ा, रा० इ० का० नाई में आजादी की 75वीं वर्षगाँठ के अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इससे पूर्व छात्र-छात्राओं द्वारा विद्यालय परिसर में प्रभात फेरी निकाली गई व प्रधानाचार्य अनिल कुमार कठेरिया द्वारा ध्वजारोहण किया गया।       तत्पश्चात मुख्य

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कुमाउनी समालोचना की पहली पुस्तक: कुमाउनी साहित्य और कुमाउनी लोक साहित्यः विविध संदर्भ         डॉ. पवनेश ठकुराठी की वर्ष 2016 में प्रकाशित पुस्तक ‘कुमाउनी साहित्य और कुमाउनी लोक साहित्यः विविध संदर्भ’ कुमाउनी समालोचना की पहली पुस्तक है। इस पुस्तक में कुल 10 समालोचनाएं संगृहीत हैं। ये समालोचनाएं क्रमशः गिर्दाकि कुमाउनी कविताओंक समग्र

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म्यर गों डाॅट काॅम (कुमाउनी कहानी संग्रह, 2015)         डॉ. पवनेश के ‘म्यर गों डाॅट काॅम’ कुमाउनी कहानी संग्रह का प्रकाशन सृजन से.. प्रकाशन, गाजियाबाद से वर्ष 2015 में हुआ। डॉ. पवनेश के इस कहानी संग्रह में कुल 10 कहानियाँ संगृहीत हैं। ये कहानियाँ क्रमशः छ्योड़ि पगली गै, आमा, प्यौलि और बुरांश,

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मानसरोवर के नारी पात्र      डॉ. पवनेश की ‘मानसरोवर के नारी पात्र’ पुस्तक का प्रकाशन वर्ष 2014 में अल्मोड़ा किताब घर, अल्मोड़ा से हुआ। इस पुस्तक में कथाकार प्रेमचंद के 8 भागों में प्रकाशित ‘मानसरोवर’ कहानी संग्रह की कुल 203 कहानियों के नारी चरित्रों को सूचीबद्ध किया गया है। पुस्तक प्रेमचंद के शोधार्थियों हेतु

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पहाड़ की सौगात: काफल       काफल उत्तरी भारत और नेपाल के पर्वतीय क्षेत्र, मुख्यत: हिमालय की तलहटी के 1200 से 2100 मीटर की ऊंचाई के जंगलों में पाया जाने वाला एक वृक्ष है। इसका वैज्ञानिक नाम ‘मिरिका एस्कुलेंटा (myrica esculata)’ है। ग्रीष्मकाल (चैत्र-बैशाख) में काफल के पेड़ पर लगने वाले फल पहाड़ी इलाकों

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जल संरक्षण में विद्यार्थियों की महत्वपूर्ण भूमिका: प्रो. जे. एस. रावत * रा० इ० का नाई (ताकुला) में आयोजित कार्यशाला में प्रो. रावत ने दिया व्याख्यान * प्रतियोगिताओं में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को किया गया पुरस्कृत अल्मोड़ा, अगर हमें बड़ी नदियों को बचाना है तो छोटे-छोटे गाड़- गधेरों को बचाना अत्यधिक जरूरी है।
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