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रा० इ० का० नाई में धूमधाम से मनाया गया स्वतंत्रता दिवस अल्मोड़ा, रा० इ० का० नाई में आजादी की 75वीं वर्षगाँठ के अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इससे पूर्व छात्र-छात्राओं द्वारा विद्यालय परिसर में प्रभात फेरी निकाली गई व प्रधानाचार्य अनिल कुमार कठेरिया द्वारा ध्वजारोहण किया गया।       तत्पश्चात मुख्य

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कुमाउनी समालोचना की पहली पुस्तक: कुमाउनी साहित्य और कुमाउनी लोक साहित्यः विविध संदर्भ         डॉ. पवनेश ठकुराठी की वर्ष 2016 में प्रकाशित पुस्तक ‘कुमाउनी साहित्य और कुमाउनी लोक साहित्यः विविध संदर्भ’ कुमाउनी समालोचना की पहली पुस्तक है। इस पुस्तक में कुल 10 समालोचनाएं संगृहीत हैं। ये समालोचनाएं क्रमशः गिर्दाकि कुमाउनी कविताओंक समग्र

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म्यर गों डाॅट काॅम (कुमाउनी कहानी संग्रह, 2015)         डॉ. पवनेश के ‘म्यर गों डाॅट काॅम’ कुमाउनी कहानी संग्रह का प्रकाशन सृजन से.. प्रकाशन, गाजियाबाद से वर्ष 2015 में हुआ। डॉ. पवनेश के इस कहानी संग्रह में कुल 10 कहानियाँ संगृहीत हैं। ये कहानियाँ क्रमशः छ्योड़ि पगली गै, आमा, प्यौलि और बुरांश,

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मानसरोवर के नारी पात्र      डॉ. पवनेश की ‘मानसरोवर के नारी पात्र’ पुस्तक का प्रकाशन वर्ष 2014 में अल्मोड़ा किताब घर, अल्मोड़ा से हुआ। इस पुस्तक में कथाकार प्रेमचंद के 8 भागों में प्रकाशित ‘मानसरोवर’ कहानी संग्रह की कुल 203 कहानियों के नारी चरित्रों को सूचीबद्ध किया गया है। पुस्तक प्रेमचंद के शोधार्थियों हेतु

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पहाड़ की सौगात: काफल       काफल उत्तरी भारत और नेपाल के पर्वतीय क्षेत्र, मुख्यत: हिमालय की तलहटी के 1200 से 2100 मीटर की ऊंचाई के जंगलों में पाया जाने वाला एक वृक्ष है। इसका वैज्ञानिक नाम ‘मिरिका एस्कुलेंटा (myrica esculata)’ है। ग्रीष्मकाल (चैत्र-बैशाख) में काफल के पेड़ पर लगने वाले फल पहाड़ी इलाकों

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जल संरक्षण में विद्यार्थियों की महत्वपूर्ण भूमिका: प्रो. जे. एस. रावत * रा० इ० का नाई (ताकुला) में आयोजित कार्यशाला में प्रो. रावत ने दिया व्याख्यान * प्रतियोगिताओं में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को किया गया पुरस्कृत अल्मोड़ा, अगर हमें बड़ी नदियों को बचाना है तो छोटे-छोटे गाड़- गधेरों को बचाना अत्यधिक जरूरी है।

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रा० इ० का नाई में जल संरक्षण कार्यशाला के पहले दिन आयोजित हुई विविध प्रतियोगिताएँ अल्मोड़ा, उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (USERC), देहरादून के तत्वावधान में रा० इ० का नाई (ताकुला) में आयोजित कार्यशाला के पहले दिन विद्यालय के प्रधानाचार्य अनिल कुमार कठेरिया व मुख्य अतिथि दिलीप कुमार आर्या, प्रधानाचार्य रा. प्रा. विद्यालय ढौल

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रा० इ० का नाई (ताकुला) में एक बार फिर होगा जल संरक्षण पर गहन मंथन • USERC, Dehradun के तत्वावधान में आयोजित हो रही है 2 दिवसीय कार्यशाला।  • जनपद स्तरीय प्रतियोगिताओं का होगा आयोजन।  • मुख्य अतिथि वैज्ञानिक व भूगोलवेत्ता प्रो. जे. एस. रावत देंगे व्याख्यान।  • प्रतियोगिताओं के विजेता होंगे पुरस्कृत।     

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कुमाउनी होली की 38 चयनित पुस्तकें  1. कुमाउनी खड़ी होली संग्रह, संकलनकर्ता- शिवराज भंडारी, प्रकाशक-शिवराज भंडारी, हिम्मतपुर तल्ला, हल्द्वानी, प्रकाशन वर्ष- 2021, मूल्य-30 ₹, मो.-7534867653 2. होली संग्रह: सत्राली की प्रसिद्ध होलियां, संकलनकर्ता- लीलाधर लोहनी, प्रकाशक- पं. गोपाल दत्त जोशी, पुस्तक विक्रेता, अल्मोड़ा, प्रकाशन वर्ष- 1976, मूल्य-30 ₹ 3. कुमाउनी खड़ी होली संग्रह, पं. गोपाल

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पहाड़ की सौगात: तरूड़          तरूड़ एक पर्वतीय कंदमूल है, जिसे तौड़, तैड़ू आदि नामों से भी जाना जाता है। भारत में तरूड़ हिमालयी राज्यों विशेषकर उत्तराखण्ड, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, अरूणाचल प्रदेश, असम आदि राज्यों में समुद्र तल से 500 से 3200 मीटर तक की ऊंचाई वाले स्थानों पर पाया जाता
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