लोकगायक प्रहलाद मेहरा: जीवन एवं लोकसंगीत आज समाचार चैनलों के माध्यम से यह सुनने को मिला कि ह्दयगति रूकने से कुमाउनी लोकगायक प्रहलाद मेहरा का निधन हो गया। यह स्तब्ध करने वाली खबर है। मेहरा जी का जाना एक ऐसे लोकगायक का जाना है जिसने कुमाउनी लोकसंगीत को अपनी जमीन से बिछुड़ने नहीं दिया। कुमाउनी
प्रो० जगत सिंह बिष्ट: एक प्रतिभावान छात्र से वर्तमान कुलपति तक का सफर है कठिन कुछ भी नहीं, जिनके है जी में यह ठना। कोस कितने ही चलें, पर वे कभी थकते नहीं॥ साहित्यकार अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ की उपर्युक्त पक्तियाँ आकर्षक व्यक्तित्व एवं बहुमुखी प्रतिभा के धनी प्रो० जगत सिंह बिष्ट के
पहाड़ की सौगात: काफल काफल उत्तरी भारत और नेपाल के पर्वतीय क्षेत्र, मुख्यत: हिमालय की तलहटी के 1200 से 2100 मीटर की ऊंचाई के जंगलों में पाया जाने वाला एक वृक्ष है। इसका वैज्ञानिक नाम ‘मिरिका एस्कुलेंटा (myrica esculata)’ है। ग्रीष्मकाल (चैत्र-बैशाख) में काफल के पेड़ पर लगने वाले फल पहाड़ी इलाकों
पहाड़ की सौगात: तरूड़ तरूड़ एक पर्वतीय कंदमूल है, जिसे तौड़, तैड़ू आदि नामों से भी जाना जाता है। भारत में तरूड़ हिमालयी राज्यों विशेषकर उत्तराखण्ड, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, अरूणाचल प्रदेश, असम आदि राज्यों में समुद्र तल से 500 से 3200 मीटर तक की ऊंचाई वाले स्थानों पर पाया जाता
साथियों, आज हम आपको मिलाते हैं कूची के बाजीगर जगदीश पांडेय जी से- कूची के बाजीगर: जगदीश पांडेय जीवन परिचय- मशहूर चित्रकार जगदीश पांडेय का जन्म 9 अगस्त, 1958 को अल्मोड़ा के जागेश्वर में हुआ। आपके पिता का नाम श्री डी. डी. पांडेय और माता का नाम श्रीमती तारा देवी