कठिन नहीं कोई भी काम, हर काम संभव है। मुश्किल लगे जो मुकाम, वह मुकाम संभव है - डॉ. पवनेश।

वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने की आवश्यकता: कुलसचिव डॉ० देवेंद्र सिंह बिष्ट

समाज में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने की आवश्यकता: कुलसचिव डॉ० देवेंद्र सिंह बिष्ट 

अल्मोड़ा, आधुनिक समय में हमें वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता है, ताकि हम एक वास्तविक विकसित समाज का निर्माण कर सकें। यह बात सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा के कुलसचिव डॉ० देवेंद्र सिंह बिष्ट ने रा० इ० का० नाई में उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यू सर्क), देहरादून के तत्वावधान में आयोजित एक दिवसीय विज्ञान कार्यशाला में बतौर विशिष्ट अतिथि के रूप में कही। 

        इससे पूर्व विशिष्ट अतिथि डॉ० देवेंद्र सिंह बिष्ट, मुख्य अतिथि विनय कुमार आर्या और विद्यालय के प्रधानाचार्य रमेश सिंह रावत ने सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यशाला का विधिवत उद्घाटन किया। तत्पश्चात सरस्वती वंदना, स्वागत गीत की प्रस्तुति विद्यालय की छात्राओं द्वारा दी गई। 

       कार्यशाला के संयोजक विज्ञान शिक्षक अंकित जोशी ने कार्यशाला की संपूर्ण रूपरेखा रखी और कहा कि बच्चों को विज्ञान सीखने में मॉडल महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 

       कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि विनय कुमार आर्या (खंड शिक्षाधिकारी, ताकुला) ने कहा कि हमें विद्यालयों में प्राथमिक कक्षा से ही बच्चों में विज्ञान के प्रति रूचि उत्पन्न किए जाने की जरूरत है। उच्च कक्षाओं में कला वर्ग की अपेक्षा विज्ञान वर्ग के छात्र-छात्राओं की संख्या काफी कम होती है। इसीलिए आज विज्ञान का सरलीकरण किए जाने की आवश्यकता है। 

     मुख्य वक्ता इंजी० रवींद्रनाथ पाठक, असिस्टेंट प्रोफेसर-कंप्यूटर विज्ञान, सोबन सिंह जीना परिसर, अल्मोड़ा ने कहा कि बच्चे वैज्ञानिक प्रयोगों के द्वारा जल्दी सीखते हैं। विज्ञान हमारे व्यावहारिक जीवन में मौजूद है, सिर्फ हमें उसे समझने की जरूरत है। उन्होंने कार्यशाला के प्रतिभागी विद्यार्थियों को दैनिक क्रियाशील वैज्ञानिक मॉडलों के विषय में जानकारी दी। 

       विशिष्ट अतिथि कुलसचिव डॉ० देवेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि विज्ञान को दैनिक जीवन का अंग बनाना चाहिए। विज्ञान कण-कण में व्याप्त है। हमें विज्ञान को आत्मसात करने की जरूरत है। हमारे देश में विज्ञान प्राचीन काल से ही उन्नत रहा है। आज हमें भौतिक उन्नति के साथ-साथ वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि विज्ञान से हम अपने जीवन का कायाकल्प कर सकते हैं। उन्होंने बच्चों द्वारा बनाए गए मॉडलों की भी सराहना की।

     कार्यशाला को रा० इ० कॉ० गणनाथ के प्रधानाचार्य हरीश नाथ गोस्वामी ने भी संबोधित किया। 

        कार्यशाला में रा० इ० का० भकूना, रा० क० इ० का० सारकोट, रा० इ० का० सुनौली, रा० इ० का० नाई, रा० इ० का० गणनाथ, श्रीराम विद्या मंदिर इंटर कालेज डोटियालगाँव आदि विद्यालयों के 150 से अधिक विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने दैनिक अनुप्रयोगों से संबंधित क्रियाशील वैज्ञानिक मॉडलों का निर्माण किया एवं विज्ञान संबंधी अनेक प्रयोग सीखे। 

       कार्यशाला में मॉडल निर्माण प्रतियोगिता हुई, जिसमें विद्यार्थियों ने लेजर सेक्यूरिटी होम सिस्टम, स्थिर कुंडली चल चुंबक, सिरीज सर्किट पैनल, सोलर स्ट्रीट लाइट सिस्टम, सैल एवं बैटरी प्रयोग, विद्युत चुंबकत्व आदि मॉडलों का निर्माण किया। 

      मॉडल प्रतियोगिता में रा० इ० का० भकूना प्रथम, रा० इ० का० सुनौली द्वितीय, रा० इ० का० नाई तृतीय स्थान पर रहे। श्रीराम विद्या मंदिर इंटर कॉलेज डोटियालगाँव, रा० इ० का० गणनाथ, रा० क० इ० का० सारकोट को सांत्वना पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इन सभी 6 विद्यालयों के 30 प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि द्वारा पुरस्कृत किया गया। प्रतियोगिता का मूल्यांकन विरेंद्र सिजवाली, नरेंद्र पंत, संजीव लोहनी ने किया।


    मॉडल प्रतियोगिता के विजेता

 1. प्रथम- रा० इ० का० भकूना

प्रतिभागी बाल वैज्ञानिक- प्रियांशी बिष्ट (9), आंचल आर्या (8), नेहा भाकुनी (7), दीपांशु झिझाड़िया (6), करन सिंह नेगी (9) 

2. द्वितीय- रा० इ० का० सुनौली

प्रतिभागी बाल वैज्ञानिक- प्रिंस भाकुनी (6), ईशा आर्या (7), भूमिका कांडपाल (8), साक्षी जीना (9), भूमिका भाकुनी (9)

3. तृतीय- रा० इ० का० नाई

प्रतिभागी बाल वैज्ञानिक- खुश्बू बिष्ट (10), कृतिका बिष्ट (9), सौरभ भंडारी (10), सपना बिष्ट (9), दीपक भंडारी (7) 

सांत्वना पुरस्कार- श्रीराम विद्या मंदिर इंटर कॉलेज डोटियालगाँव, रा० इ० का० गणनाथ, रा० क० इ० का० सारकोट।


      कार्यशाला का संचालन गणेश चंद्र शर्मा और विनीता आर्या ने किया। अंत में विद्यालय के प्रधानाचार्य रमेश सिंह रावत ने सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया। 

   कार्यशाला में डॉ० विनोद कुमार, सुरेंद्र सिंह नयाल, पूरन सिंह भंडारी, स्वयंदीप सिंह, फरीद अहमद, सोनम देवी, अजरा परवीन, भूपेंद्र सिंह नयाल, कामेश कुमार, हेमा वर्मा, प्रियंका जोशी, निम्मी बिष्ट, संग्राम सिंह रावत, चंद्र प्रकाश, प्रशांत कुमार, कमल किशोर भट्ट, मनोज सिंह, नेहा धुरकोटिया, निशा पिलख्वाल, अर्जुन सिंह बिष्ट, ठाकुर सिंह भंडारी, दीपक बिष्ट, डॉ० पवनेश ठकुराठी आदि समेत अनेक सहयोगी मौजूद रहे। 

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