कठिन नहीं कोई भी काम, हर काम संभव है। मुश्किल लगे जो मुकाम, वह मुकाम संभव है - डॉ. पवनेश।

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प्रोजेक्ट कायाकल्प, भाग-3, दीवारें बोलती हैं

        रा० इ० का० नाई (अल्मोड़ा) में प्रोजेक्ट कायाकल्प के तीसरे भाग ‘दीवारें बोलती हैं’ के अंतर्गत विद्यालय की दीवारों में चित्रांकन, पेंटिंग व लेखन का कार्य किया गया। इस भाग को हिंदी प्रवक्ता डॉ. पवनेश ठकुराठी के दिशा-निर्देश में संपन्न किया गया। इस हेतु उन्हें विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री अनिल कुमार कठेरिया व शिक्षक-शिक्षिकाओं के अतिरिक्त कक्षा-12 के छात्र पारस सिंह बिष्ट के नेतृत्व में बनाई गई पेंटिंग टीम का विशेष सहयोग मिला। 

   चित्रांकन व पेंटिंग के अंतर्गत सर्वप्रथम विद्यालय की बाहरी दीवारों में चित्रांकन किया गया और शुरुआत पुस्तकालय की इमारत से की गई। 

 1. पुस्तकालय इमारत की बाहरी दीवारों में चित्रांकन

       चित्रांकन व पेंटिंग के अंतर्गत सर्वप्रथम ‘पुस्तकालय इमारत’ की बाहरी दीवारों में चित्रांकन किया गया। इस इमारत में पुस्तकालय से संबंधित व प्रेरक चित्रों का अंकन किया गया-

चित्र-1, किताब पढ़ती लड़की

     पुस्तकालय के बाहर की सामने की दीवार में किताब पढ़ती बालिका का खूबसूरत चित्रांकन विद्यालय की कला शिक्षिका अजरा परवीन के द्वारा किया गया। इस कार्य में उन्हें विद्यालय के छात्र-छात्राओं अक्षय कुमार, करन सिंह, कु० रिया, काजल, रीता, दीपा, आंचल आदि का सहयोग प्राप्त हुआ। अजरा मैंम द्वारा बड़ी ही तल्लीनता से बनाई गई ‘किताब पढ़ती लड़की’ का चित्र छात्र-छात्राओं को अध्ययन करने हेतु प्रेरित करता है। 

यहाँ देखिए ‘किताब पढ़ती बालिका’ का वीडियो-

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