पहाड़ की सौगात: लिंगुड़े की सब्जी
पहाड़ की सौगात: लिंगुड़े की सब्जी
उत्तराखंड न सिर्फ एक ऐसा राज्य है जहां प्राकृतिक सौंदर्य अपनी विशेषताएँ लिए हुए है, बल्कि यहाँ अनेकानेक जड़ी बूटियों के भंडार भी मौजूद हैं। इन्हीं में से एक है चौमास (बरसात) के दिनों यानि आजकल मिलने वाली प्रसिद्ध सब्जी लिंगुड़ा (linguda)।
लिंगुड़ा का वैज्ञानिक नाम डिप्लाजियम एस्कुलेंटम (Diplazium Esculentum) है। यह एथाईरिसी (Athyriaceae) फैमिली से सम्बन्ध रखता है। यह एक किस्म का फर्न है।
उत्तराखण्ड में इसे लिंगुड़ा, लिंग्वड़ा, लिंगुआ आदि नामों से जाना जाता है। वहीं सिक्किम में इसे निंगरु (Ningru), हिमाचल में लिगरी (Ligree), मलेशिया में Pucuk Paku व Dhekia नामों से भी जाना जाता है। वनस्पति विज्ञानियों के अनुसार, विश्वभर में लिंगुड़ा की लगभग 400 प्रजातियां उपलब्ध है।
लिंगुड़ा समुद्रतल से लगभग 2000 मीटर से 3000 मीटर की ऊँचाई वाले नम क्षेत्रों में उगता है। यह नदियों के किनारों या पानी के नजदीक अधिक पाया जाता है। लोग जंगल से तोड़कर इसे घर लाते हैं या बाजार में विक्रय हेतु ले जाते हैं। आमतौर पर इसे छोटे-छोटे गट्ठर बनाकर बेचा जाता है।
लिंगुड़ा की सब्जी सभी पहाड़ी लोग पसंद करते हैं। लिंगुड़ा की सब्जी स्वादिष्ट होने के साथ-साथ कई औषधीय गुणों से भरपूर होती है। इसमें कैल्शियम, पोटेशियम व आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
लिंगुड़े (lingude) की सब्जी के कई लाभ हैं। यह मात्र सब्जी ही नहीं बल्कि एक आयुर्वेदिक औषधि भी है। विशेषज्ञों का कहना है कि लिंगुड़ा शुगर, हार्ट और लीवर के मरीजों के लिए रामबांण है। लिंगुड़ा की एक खासियत यह भी है कि इसमें वसा (fats) बिल्कुल भी नहीं होती और न ही कोलेस्ट्रॉल होता है। इसलिए यह हार्ट के मरीजों के लिए बहुत लाभदायक होता है।
लिंगुड़े को सब प्रकार के विटामिन्स, खनिज (मिनरल्स) और माइक्रोन्यूट्रियंट्स का अच्छा स्रोत माना जाता है। इसे खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है और पेट के कई रोगों के लिए भी यह लाभदायक है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उत्तराखण्ड में महानिदेशक एवं वैज्ञानिक डॉ. राजेन्द्र डोभाल लिंगुड़े को अत्यधिक लाभकारी औषधीय वनस्पति मानते हैं। डॉ. राजेन्द्र डोभाल के अनुसार इसमें प्रोटीन, लिपिड, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, विटामिन सी, carotenoid, Phenolic और Fe, Zin, Cu, Mn, Na, K, Ca, Mg आदि पोषक तत्व पाये जाते हैं।
लिंगुड़े को सब्जी के रूप में प्रयोग करने के अलावा इसका अचार भी बनाया जाता है और इसे सलाद के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।
ध्यान देने योग्य- जंगली मशरूम की तरह लिंगुड़े के भी जहरीला होने की कुछ खबरें प्रकाश में आई हैं। यदि आप जंगल से लिंगुड़ा तोड़ रहे हैं, तो जरूर इसकी पहचान कर लें। यद्यपि बाजार में बिकने वाला लिंगुड़ा पहचानकर ही बेचा जाता है।
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