कठिन नहीं कोई भी काम, हर काम संभव है। मुश्किल लगे जो मुकाम, वह मुकाम संभव है - डॉ. पवनेश।

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लोक संस्कृति के कुशल चितेरे: ब्रजेंद्र लाल साह

जन्मदिन विशेष:  लोक संस्कृति के कुशल चितेरे: ब्रजेंद्र लाल साह         रंगकर्मी व रचनाकार ब्रजेंद्र लाल साह का जन्म 13 अक्टूबर, 1928 को अल्मोड़ा में हुआ था। आपने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा ग्रहण की और विशेषकर हिंदी कविता, नाटक, कहानी, उपन्यास आदि विधाओं में अपनी लेखनी चलाई। शैलसुता, अष्टावक्र और गंगानाथ

पिथौरागढ़ की विशिष्ट लोक नाट्य परंपरा: हिलजात्रा 

पिथौरागढ़ की विशिष्ट लोक नाट्य परंपरा: हिलजात्रा          पिथौरागढ़ जनपद के सोर घाटी में लगभग 400 सालों से हिलजात्रा लोक उत्सव की परंपरा चली आ रही है। वर्षा ऋतु के आगमन पर स्थानीय निवासियों के द्वारा सामूहिक रूप से इसका आयोजन किया जाता है। हिलजात्रा कृषि से जुड़ा लोकोत्सव है, जिसमें स्थानीय

पहाड़ की सौगात: लिंगुड़े की सब्जी

पहाड़ की सौगात: लिंगुड़े की सब्जी       उत्तराखंड न सिर्फ एक ऐसा राज्य है जहां प्राकृतिक सौंदर्य अपनी विशेषताएँ लिए हुए है, बल्कि यहाँ अनेकानेक जड़ी बूटियों के भंडार भी मौजूद हैं। इन्हीं में से एक है चौमास (बरसात) के दिनों यानि आजकल मिलने वाली प्रसिद्ध सब्जी लिंगुड़ा (linguda)।      लिंगुड़ा का
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