डॉ. पवनेश का कविता संग्रह- दो पेज की चिट्ठी में
कविता संग्रह – दो पेज की चिट्ठी में
( Poetry Collection- Do Page Ki Chiththi mai )
साल 2013 में अल्मोड़ा किताब घर से प्रकाशित पवनेश ठकुराठी के इस हिंदी कविता संग्रह में कुल 56 कविताएँ संगृहीत हैं। ये कविताएँ युवा मन की कविताएँ हैं, जो अपने समाज की विडंबनाओं को उजागर करने के साथ-साथ प्रेम की रसिकता का आभास भी कराती हैं। पुस्तक में आशीर्वचन संदेश पद्मश्री रमेश चंद्र शाह जी ने लिखा है।
किताब का नाम- दो पेज की चिट्ठी में
विधा- हिंदी कविता संग्रह
रचनाकार- पवनेश ठकुराठी
प्रकाशक- अल्मोड़ा किताब घर, अल्मोड़ा
प्रकाशन वर्ष- 2013
मूल्य- 100 ₹
पृ० सं०- 110
संस्करण- पेपरबैक।
संग्रह से चयनित एक कविता
सातवाँ आदमी
पहला, दूसरे से बोला-
मैं हिंदू हूँ, तू मुस्लिम है।
तीसरा, चौथे से बोला-
मैं सिक्ख हूँ, तू ईसाई है।
पांचवाँ छठे से बोला-
मैं बौद्ध हूँ, तू जैन है।
सातवाँ बेचारा अकेला छूट गया।
वह किसी से कुछ नहीं बोला
बस सिर उठाकर चलता रहा
यह सोचकर कि
मैं सिर्फ भारतवासी हूँ।।
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