कठिन नहीं कोई भी काम, हर काम संभव है। मुश्किल लगे जो मुकाम, वह मुकाम संभव है - डॉ. पवनेश।

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डॉ. पवनेश का कविता संग्रह- नदी एक डायन थी

कविता संग्रह – नदी एक डायन थी ( Poetry Collection-Nadi Ek Dayan Thi )      साल 2013 में अल्मोड़ा किताब घर से प्रकाशित पवनेश ठकुराठी के इस हिंदी कविता संग्रह में कुल 47 कविताएँ संगृहीत हैं। ये कविताएँ 16,17 जून, 2013 को उत्तराखंड में आई भीषण प्राकृतिक आपदाओं पर केंद्रित हैं। ये कविताएँ प्रकृति

डॉ. पवनेश का कविता संग्रह- दो पेज की चिट्ठी में

कविता संग्रह – दो पेज की चिट्ठी में ( Poetry Collection- Do Page Ki Chiththi mai )      साल 2013 में अल्मोड़ा किताब घर से प्रकाशित पवनेश ठकुराठी के इस हिंदी कविता संग्रह में कुल 56 कविताएँ संगृहीत हैं। ये कविताएँ युवा मन की कविताएँ हैं, जो अपने समाज की विडंबनाओं को उजागर करने

वीरों के गीत लिखूंगा

वीरों के गीत लिखूंगा     ना सत्ता, ना सिंहासन, ना अमीरों के गीत लिखूंगा।  मैं जब भी कलम चलाऊंगा, वीरों के गीत लिखूंगा।।   भीषण गर्मी, जाड़े में जो,  सरहद पर हैं डटे हुए।  राष्ट्र हित की चाहत में जो,  अपनों से हैं कटे हुए।  मैं तो ऐसे बलशाली,  धीरों के गीत लिखूंगा। मैं

ओ प्रवासी पंछी तुझे गाँव बुलाता है

ओ प्रवासी पंछी तुझे गाँव बुलाता है तेरी याद में निशदिन रह-रह अकुलाता है,  ओ प्रवासी पंछी तुझे गाँव बुलाता है।    अनगिनत ख्वाबों को संग में ले चले उड़ते उड़ते तुम इतनी दूर उड़ चले वापस आना भी चाहो तो मन जलाता है ओ प्रवासी पंछी तुझे गाँव बुलाता है।   दादी मां के
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