नाम छि अनपढ़, काम छि पढ़न-ल्यखन
जन्मदिन पर विशेष: –
नाम छि अनपढ़, काम छि पढ़न-ल्यखन: शेर सिंह बिष्ट
3 अक्टूबर, 1933 में अल्मोड़ा में जन्मी शेर सिंह बिष्ट ज्यूल कुमाउनी कविता कें एक नई मुकाम पर पुजा। उन कम पढ़ी-लेखी छि और आपन उपनाम ‘अनपढ़’ लेखी करछी, बावजूद येक उनरि रचना बतूछीन कि ऊं कतू जबरदस्त विद्वान छि।
यां उनर संक्षिप्त जीवन परिचय और उनरि द्वी चयनित कविता दिई जाणई-
जीवन परिचय: शेर सिंह बिष्ट ‘अनपढ़’
जनम- 3 अक्टूबर, 1933
गौं- मालगों, अल्मोड़ा
निधन- 20 मई, 2012
छपी किताब-
1. हिंदी कविता- ये कहानी है नेफा और लद्दाख की
2. कुमाउनी हास्य गीत संग्रह- हंसणै बहार, दीदी-बैणी, हमारे मै-बाप।
3. कुमाउनी कविता संग्रह- मेरि लटि-पटि, जांठिक घुङुर।
4. व्यंग कविता संग्रह- फचैक ( 1996, बालम सिंह जनौटी ज्यू दगड़ि ), शेरदा समग्र, शेरदा संचयन।
द्वी चयनित कविता
1. अहा रे सभा
जां बात-बात में, हात मारनी,
वै हैती कूनी ,ग्रामसभा।
जां हर बात में लात मारनी,
वै हैती कूनी ,विधानसभा।
जां एक कूं सब सूणनी
वै हैती कूनी ,शोकसभा।
जां सब कूनी और क्वे नि सुणन
वै हैती कूनी ,लोकसभा।।
2. घट-घट में राम रूनी
मन में धीरज धर मेरी हंसा घट-घट में म्यार राम रूनी ।
जो दुख सै ल्यूं वी जग पै ल्यूं संत देव महान कूनी ।
मन में धीरज धर मेरी हंसा घट-घट में म्यार राम रूनी ।
माया झूठी दुनियल लूटी
झोली खाली जब प्राण छूटी
माया में जो काया ख्वेनी, ऊँ बिचा्र नादान हुनी ।
जो दुख सै ल्यूं वी जग पै ल्यूं संत महान कूनी ।
मन में धीररज धर मेरी हंसा घट-घट में म्यार राम रूनी ।
करनी-भरनी मुखै थैं ऐ छौ
लाख चाहे लुकै ल्यो क्वे
मन को मैल नि बगनौ
तन कदुकै ध्वे ल्यो क्वे
करनी कैं ही पूजा समझ, मन-मंदिराक प्राण कूनी ।
जो दुख सै ल्यूं वी जग पै ल्यूं संत देव महान कूनी ।
मन में धीरज धर मेरि हंसा घट-घट में म्यार राम रूनी ।
मन-मनों कौ मैल बगौ
दिल-दिलों में प्यार बड़ौ
ऊंच-नीचक भेद मिटै
भाई-भाई संसार बड़ौ
धरमकि नौ पार लागछो, गीता में भगवान कूनी ।
जो दुख सै ल्यूं वी जग पै ल्यूं संत देव महान कूनी ।
मन में धीरज धर मेरि हंसा घट-घट में म्यार राम रूनी ।
यौ हाड़-माँस ,क चंदन
जो दुसरों कै काम औ
घर-घर नारी सीता-सीता
घर-घर पुरुष राम हौ
स्वर्ग है ज्यादा धरती कैं पूजौ धरती में इंसान रूनी ।
जो दुख सै ल्यूं वी जग पै ल्यूं संत देव महान कूनी ।
मन में धीरज धर मेरि हंसा घट-घट में म्यार राम रूनी।
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Bahut Badiya sir