कठिन नहीं कोई भी काम, हर काम संभव है। मुश्किल लगे जो मुकाम, वह मुकाम संभव है - डॉ. पवनेश।

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शेर सिंह बिष्ट ‘अनपढ़’ कुमाउनी कविता पुरस्कार 2022 से डॉ. देवसिंह पोखरिया होंगे सम्मानित

शेर सिंह बिष्ट ‘अनपढ़’ कुमाउनी कविता पुरस्कार 2022 से डॉ. देवसिंह पोखरिया होंगे सम्मानित अल्मोड़ा, कुमाउनी साहित्य में इस वर्ष का शेर सिंह बिष्ट ‘अनपढ़’ कुमाउनी कविता पुरस्कार कुमाउनी कवि डॉ. देवसिंह पोखरिया को दिया जाएगा। कविता पुुुरस्कार हेतु चयनित समिति के सदस्यों द्वारा विचार-विमर्श के बाद डॉ. देवसिंह पोखरिया (पिथौरागढ़) का नाम घोषित किया

शेर सिंह बिष्ट ‘अनपढ़’ कुमाउनी कविता पुरस्कार 2021 से डॉ. कीर्तिबल्लभ शक्टा होंगे सम्मानित

शेर सिंह बिष्ट ‘अनपढ़’ कुमाउनी कविता पुरस्कार 2021 से डॉ. कीर्तिबल्लभ शक्टा होंगे सम्मानित        अल्मोड़ा, कुमाउनी साहित्य में इस वर्ष का शेर सिंह बिष्ट ‘अनपढ़’ कुमाउनी कविता पुरस्कार कुमाउनी कवि डॉ. कीर्तिबल्लभ शक्टा को दिया जाएगा। कविता पुुुरस्कार हेतु चयनित समिति के सदस्यों द्वारा विचार-विमर्श के बाद डॉ. कीर्तिबल्लभ शक्टा (चंपावत) का

शेर सिंह बिष्ट ‘अनपढ़’ और उनकी चयनित कुमाउनी कविताएँ

पुण्यतिथि विशेष:  शेर सिंह बिष्ट ‘अनपढ़’ और उनकी चयनित कुमाउनी कविताएँ          कुमाउनी कवि शेर सिंह बिष्ट ‘अनपढ़’ का जन्म 3 अक्टूबर,1933 को अल्मोड़ा बाजार से 2-3 किलोमीटर दूर माल गांव में हुआ था। आपके पिता का नाम बचे सिंह और माता का नाम लछिमी देवी था। जब शेरदा चार साल के

नाम छि अनपढ़, काम छि पढ़न-ल्यखन

जन्मदिन पर विशेष: – नाम छि अनपढ़, काम छि पढ़न-ल्यखन: शेर सिंह बिष्ट 3 अक्टूबर, 1933 में अल्मोड़ा में जन्मी शेर सिंह बिष्ट ज्यूल कुमाउनी कविता कें एक नई मुकाम पर पुजा। उन कम पढ़ी-लेखी छि और आपन उपनाम ‘अनपढ़’ लेखी करछी, बावजूद येक उनरि रचना बतूछीन कि ऊं कतू जबरदस्त विद्वान छि।     
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