कठिन नहीं कोई भी काम, हर काम संभव है। मुश्किल लगे जो मुकाम, वह मुकाम संभव है - डॉ. पवनेश।

उत्तराखंड में नंदा- माँ नंदा पर केंद्रित महत्वपूर्ण पुस्तक

प्रिय पाठकों, आज हम बात करते हैं माँ नंदा पर महत्वपूर्ण जानकारी देने वाली शोधपरक पुस्तक ‘उत्तराखंड में नंदा’ के विषय में-

पुस्तक के विषय में-

उत्तराखंड में नंदा

       ‘उत्तराखंड में नंदा’ डॉ. ललित चंद्र जोशी ‘योगी’ द्वारा लिखित पुस्तक है। यह पुस्तक देवभूमि प्रकाशन, हल्द्वानी से 2015 में प्रकाशित हुई है। यह एक शोधपरक पुस्तक है, जो उत्तराखंड की आराध्या कुल देवी माँ नंदा की उत्पत्ति से लेकर माँ नंदा के मंदिरों पर व्यापक प्रकाश डालती है। इस पुस्तक में माँ नंदा की उत्पत्ति, ससुराल प्रस्थान, नंदा राजजात यात्रा, नंदा पूजा, महिषासुर प्रसंग, अल्मोड़ा में नंदा राजजात, बुग्याल दर्शन, नंदा राजजात के पड़ाव, छानी ल्वेशाल के जगरिये, नैनोल व नंदा जागर, कुलदेवी नंदा के मंदिर, साहित्य में नंदा आदि विषयों पर उपयोगी व महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। हार्ड बाउंड की इस पुस्तक में कुल 168 पृष्ठ हैं। नंदा की विदाई के भावुक दृश्य का वर्णन लेखक निम्न पंक्तियों के माध्यम से करता है-

नंदा की जात ऐगै बार साल बाद, 
गौर त्वेल कैलास जाण, 
बार ह्वेगे, ह्वेगे बर्स छई मैना, 
धियाण त्वैल जाण कैलास।
किलै दिनी त्वे येई पापी कैलास, 
जख डाली न बोटी न मनख्युको बास, 
द्योल खोलु मा ढोल दमु बजण लगिगे, 
नंदादेवी कैलास पैटण बैठिगे।। (पृष्ठ-129) 

रचनाकार के विषय में-

डॉ. ललित चंद्र जोशी ‘योगी’

      डॉ. ललित चंद्र जोशी ‘योगी’ उत्तराखंड के युवा लेखक हैं। समाजविज्ञान में उनकी गहरी रूचि है। डॉ. योगी का जन्म 20 जून, 1987 को अल्मोड़ा के स्यूरा ( लमगड़ा ) गाँव में हुआ। आपके पिता श्री एम सी जोशी व माता श्रीमती प्रेमा जोशी हैं। आपने समाजशास्त्र में पीएचडी की है और वर्तमान में एस एस जे परिसर, अल्मोड़ा के पत्रकारिता विभाग में कार्यरत हैं। आपकी कविताएँ, वार्ता आदि आकाशवाणी अल्मोड़ा से प्रसारित होती रहती हैं। 

     डॉ. योगी ने ‘उत्तराखण्ड में नंदा’ ( 2015 ), पत्रकारिता एवं उसके विविध स्वरूप ( 2020 ), ‘श्री गोलू स्तुति: कथासार एवं आरती’ (2020) आदि पुस्तकें लिखी हैं। पुस्तकें प्राप्त करने/ खरीदने हेतु आप सीधे लेखक से मो० 9410725493 व मेल [email protected] पर संपर्क कर सकते हैं। 

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