कठिन नहीं कोई भी काम, हर काम संभव है। मुश्किल लगे जो मुकाम, वह मुकाम संभव है - डॉ. पवनेश।

उत्तराखंड के प्रमुख बुग्याल

बुग्याल-

उत्तराखण्ड के हिमालयी क्षेत्रों में पर्वतों की तलहटी पर जहाँ टिम्बर रेखा (पेड़ों की पंक्तियाँ) समाप्त हो जाती हैं, वहाँ से हरे मखमली घास के मैदान आरम्भ होने लगते हैं। आमतौर पर ये 8 से 10 हजार फीट की ऊँचाई पर स्थित होते हैं। हिमालय में स्थित इन्हीं मुलायम घास के मैदानों को बुग्याल कहा जाता है।

बुग्याल के प्रकार- 

 बुग्याल पाँच प्रकार के होते हैं- 

1. दुग या दुध बुग्याल (छोटी-छोटी घास वाले), 

2. बस बुग्याल (पशुओं की वसा बढ़ाने वाले), 

3. मोट बुग्याल (मोट बुग या फ्लूम प्रजाति की घास वाले), 

4. धनिया बुग्याल (व्यांस-मालपा क्षेत्र वाले)

5. धत्ती बुग्याल (धत्ती बुग वनस्पति वाले)।

उत्तराखंड के कुछ प्रसिद्ध बुग्याल-

उत्तराखंड के हिमालय की घाटियों में कई छोटे-बड़े बुग्याल पाये जाते हैं, लेकिन लोगों के बीच जो सबसे अधिक प्रसिद्द हैं उनमें फूलों की घाटी, बेदनी बुग्याल, पवालीकाण्ठा, चोपता, औली, गुरसों, बंशीनारायण और हर की दून प्रमुख हैं। ये बुग्याल विविध वन्य जीव-जंतुओं के आश्रय स्थल और जड़ी बूटियों के भंडार हैं। 

उत्तराखंड के बुग्याल

बेदनी बुग्याल- उत्तराखंड का सबसे बड़ा बुग्याल

1. बेदनी बुग्याल-

दुनिया भर में प्रसिद्ध बेदनी बुग्याल उत्तराखंड का सबसे बड़ा बुग्याल है। इसे वेदों का रचना स्थल माना जाता है। यह मखमली घास के लिए भी प्रसिद्ध है। यह बुग्याल चमोली जनपद में रुपकुण्ड जाने वाले मार्ग पर पड़ता है। यह 3354 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और इसके मध्य में फैली झील यहां के सौंदर्य में चार चांद लगी देती है।

2. फूलों की घाटी- 

फूलों की घाटी चमोली जिले में जोशीमठ-बद्रीनाथ मार्ग पर नर एवं गंध मादन पर्वतों के मध्य की भ्यूंडार घाटी में स्थित है। फूलों की घाटी की खोज सन् 1931 में ब्रिटिश पर्वतारोही फ्रैंक सिडनी स्माइथ ने की। उन्होंने यहाँ अपने साथी होल्ड्सवर्थ की सहायता से फूलों की 250 किस्मों का पता लगाया और इन फूलों का वर्णन 1947 में प्रकाशित अपनी पुस्तक ‘फूलों की घाटी’ (Valley of flowers) में किया। वर्ष 2005 में यूनेस्को नेे फूलों की घाटी को विश्व धरोहर सूची में  शामिल किया है।

3. औली-

औली बुग्याल शीतकालीन साहसिक खेलों के लिए प्रसिद्ध है। यह चमोली जिले के जोशीमठ से 12 किमी. की दूरी पर समुद्र तल से 2600 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। साहसिक खेल स्कीइंग का यह एक बड़ा केन्द्र है। औली से ही 15 किमी. की दूरी पर एक अन्य दर्शनीय बुग्याल क्वारी स्थित है।

4. चोपता बुग्याल- 

चोपता बुग्याल समुद्र तल से 2900 मीटर की ऊंचाई पर गोपेश्वर-ऊखीमठ-केदारनाथ मार्ग पर स्थित है। इस बुग्याल को गढ़वाल का स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है। 

5. बागची बुग्याल-

बागची बुग्याल समुद्रतल से 12000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह बुग्याल चमोली और बागेश्वर की सीमा से लगा है और चार किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। यहां से हिमालय की सतोपंथ, चौखंभा, नंदादेवी और त्रिशूली जैसी चोटियों के दर्शन होते हैं।

6. पवालीकांठा बुग्याल-

समुद्रतल से 11000 फीट की ऊंचाई पर टिहरी जिले में स्थित पवालीकांठा बुग्याल ट्रेकिंग के शौकीनों के लिए प्रसिद्ध है। 

7. हर की दून-

यह बुग्याल उत्तरकाशी जनपद में स्थित है। यहाँ टोंस नदी का उदगम स्थल है 

8. दयारा बुग्याल- 

समुद्रतल से 10500 फीट की ऊँचाईं पर स्थित यह बुग्याल भी उत्तरकाशी जनपद में स्थित है। 

उत्तराखंड के कुछ अन्य बुग्याल व उनकी स्थिति निम्नलिखित है-

  • दूधातोली – चमोली व पौड़ी 
  • चित्रकांठा- चमोली
  • घसतौली बुग्याल – चमोली
  • पांडूसेरा बुग्याल – चमोली
  • रुद्रनाथ बुग्याल – चमोली
  • लक्ष्मी वन – चमोली
  • गोरसों– चमोली
  • कैला बुग्याल  – चमोली
  • बर्मी बुग्याल – उत्तरकाशी 
  • जलीसेरा  – चमोली 
  • मनपे – चमोली 
  • राज खर्क – चमोली
  • हुण्या बुग्याल – चमोली
  • देवदामिनी – उत्तरकाशी 
  • भेटी बुग्याल – चमोली 
  • मनणी बुग्याल – चमोली
  • रताकोण बुग्याल – चमोली
  • रूपकुंड बुग्याल – चमोली
  • कल्पनाथ बुग्याल – चमोली
  • चौमासी – चमोली
  • केदार खर्क – उत्तरकाशी 
  • तपोवन – उत्तरकाशी 
  • खादू खर्क – चमोली
  • कसनी खर्क – रुद्रप्रयाग 
  • लाता खर्क – चमोली
  • डांग खर्क – चमोली
  • कोरा खर्क – चमोली
  • अविन खर्क – चमोली
  • सुथिंग – चमोली
  • पातर नाचाैणियां – चमोली
  • नंदनकानन – चमोली
  • सतोपंथ – चमोली
  • क्वारी– चमोली
  • जौराई – टिहरी 
  • चोपता – रुद्रप्रयाग 
  • बर्मी – रुद्रप्रयाग 
  • कफनी – बागेश्वर
  • मासरताल– टिहरी
  • अप्सरा- टिहरी
  • खतलिंग– टिहरी
  • कसनी खर्क– रुद्रप्रयाग
  • मदमेश्वर– रुद्रप्रयाग
  • कुश कल्याण– उत्तरकाशी
  • सोनागाड़– उत्तरकाशी
  • मिलम- पिथौरागढ़ 

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