कुमाउनी का पहला व्यंग्य संग्रह: ठेकुवा पुस्तक के विषय में- कुमाउनी कवि और लेखक प्रकाश चंद्र जोशी ‘शूल’ के ‘ठेकुवा’ व्यंग्य संग्रह का प्रकाशन मार्च, 2012 में हिमाल प्रेस, पिथौरागढ़ से हुआ। इस व्यंग्य संग्रह में शूल जी के भल फिरि ऊनु, ठेकुवा, ई काफल हैं सैपो, लाल कुत्तम अति उत्तम, सड़ियौ
श्रद्धेय गुरू व साहित्यकार प्रो. शेर सिंह बिष्ट का 19 अप्रैल, 2021 को निधन हो गया। उनके निधन से साहित्य एवं शिक्षा क्षेत्र की अपूरणीय क्षति हुई है। यहाँ प्रस्तुत है प्रो. बिष्ट के शैक्षिक व साहित्यिक योगदान का संक्षिप्त विवरण- प्रो. शेर सिंह बिष्ट: गोल्ड मेडल से हिंदी विभागाध्यक्ष तक की यात्रा जन्म और
लोकगायक हीरा सिंह राणा का कुमाउनी लोकसंगीत व साहित्य को योगदान (Contribution of folk singer Heera Singh Rana to Kumauni folk music and literature) साथियों, 13 जून, 2020 की रात्रि 2 बजे लोकगायक हीरा सिंह राणा के रूप में कुमाउनी लोकसंगीत के एक सुनहरे अध्याय का अंत हो गया। राणा जी का