कुमाउनी बाल कविताएँ 1.बिराउ कैं बुखार एक द्वी तीन चार, बिराउ कैं ऐगो भौत बुखार। पांच छै सात आठ, मुसाक हैरईं भौतै ठाठ।। 2. गुणि ददा ! गुणि ददा, गुणि ददा, तू मीकैं इक बात बता। कसिकै रूख में चढ़छैं, कसिकै क ख तूं पढ़छैं। 3. बोलि कुकुड़ बासूँ कूँ- कूँ, वानर करूं खूँ- खूँ।