August 3, 2021
कुमाउनी कवि पूरनचंद्र कांडपाल की कुमाउनी कविताएँ
![](https://drpawanesh.com/wp-content/uploads/2021/08/IMG_20210803_211348-150x150.jpg)
पूरनचंद्र कांडपाल की कुमाउनी कविताएँ 1. इज है ठुल को ? न सरग न पताव न तीरथ न धाम, इज है ठुल क्वे और न्हैति मुकाम। आपूं स्येतीं गिल म हमूकैं स्येवैं वबाण, हमार ऐरामा लिजी वीक ऐराम हराण। इज क कर्ज है दुनिय में क्वे उऋण नि है सकन, आंचव में पीई दूद क