कठिन नहीं कोई भी काम, हर काम संभव है। मुश्किल लगे जो मुकाम, वह मुकाम संभव है - डॉ. पवनेश।

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दीवारें बोलती हैं, चित्र-5, किताब पढ़ता लड़का

प्रोजेक्ट कायाकल्प, भाग-3, दीवारें बोलती हैं         रा० इ० का० नाई (अल्मोड़ा) में प्रोजेक्ट कायाकल्प के तीसरे भाग ‘दीवारें बोलती हैं’ के अंतर्गत विद्यालय की दीवारों में चित्रांकन, पेंटिंग व लेखन का कार्य किया गया। इस भाग को हिंदी प्रवक्ता डॉ. पवनेश ठकुराठी के दिशा-निर्देश में संपन्न किया गया। इस हेतु उन्हें

प्रोजेक्ट कायाकल्प: भाग 2, रंगाई-पुताई- मुस्कुराती दीवारें

प्रोजेक्ट कायाकल्प: भाग 2, रंगाई-पुताई- मुस्कुराती दीवारें       प्रोजेक्ट कायाकल्प के पहले भाग ‘इमारतें जिंदा होंगी’ को सफलतापूर्वक पूर्ण करने के बाद रा० इ० का० नाई (अल्मोड़ा) के विद्यालय प्रबंधन के समक्ष लक्ष्य था विद्यालय की दीवारों को रंगने का। इसीलिए प्रोजेक्ट के इस दूसरे भाग को नाम दिया गया- मुस्कुराती दीवारें।   

उत्तराखंड में लागू हो भू कानून- कह रहें हैं युवा रचनाकार

उत्तराखंड में लागू हो भू कानून- कह रहें हैं युवा कुमाउनी रचनाकार       उत्तराखंड में भू-कानून यथाशीघ्र लागू किया जाना चाहिए, क्योंकि किसी भी क्षेत्र पर पहला हक वहाँ की जनता का है। भू-कानून लागू होने से ही यहाँ की जनता को उनका हक मिल पायेगा। ऐसा मानना है यहाँ के युवाओं का।

पहाड़ की सौगात: लिंगुड़े की सब्जी

पहाड़ की सौगात: लिंगुड़े की सब्जी       उत्तराखंड न सिर्फ एक ऐसा राज्य है जहां प्राकृतिक सौंदर्य अपनी विशेषताएँ लिए हुए है, बल्कि यहाँ अनेकानेक जड़ी बूटियों के भंडार भी मौजूद हैं। इन्हीं में से एक है चौमास (बरसात) के दिनों यानि आजकल मिलने वाली प्रसिद्ध सब्जी लिंगुड़ा (linguda)।      लिंगुड़ा का

गाँव, मंदिर, कंकाल और वह जंगल के बीच का झरना

यात्रावृतांत- गाँव, मंदिर, कंकाल और वह जंगल के बीच का झरना          कल मुझे अपने शिक्षक साथी गणेश चंद्र शर्मा के साथ अल्मोड़ा के समीपवर्ती ग्राम बल्टा के भ्रमण का सौभाग्य प्राप्त हुआ। बल्टा गाँव के भ्रमण का उद्देश्य यह था कि यह अल्मोड़ा का समीपवर्ती सब्जी उत्पादक गाँव है। यहाँ के
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