कठिन नहीं कोई भी काम, हर काम संभव है। मुश्किल लगे जो मुकाम, वह मुकाम संभव है - डॉ. पवनेश।

दीवारें बोलती हैं, चित्र-5, किताब पढ़ता लड़का

प्रोजेक्ट कायाकल्प, भाग-3, दीवारें बोलती हैं

        रा० इ० का० नाई (अल्मोड़ा) में प्रोजेक्ट कायाकल्प के तीसरे भाग ‘दीवारें बोलती हैं’ के अंतर्गत विद्यालय की दीवारों में चित्रांकन, पेंटिंग व लेखन का कार्य किया गया। इस भाग को हिंदी प्रवक्ता डॉ. पवनेश ठकुराठी के दिशा-निर्देश में संपन्न किया गया। इस हेतु उन्हें विद्यालय के प्रधानाचार्य व शिक्षक-शिक्षिकाओं के अतिरिक्त कक्षा-12 के छात्र पारस सिंह बिष्ट के नेतृत्व में बनाई गई पेंटिंग टीम का विशेष सहयोग मिला। 

       चित्रांकन व पेंटिंग के अंतर्गत सर्वप्रथम विद्यालय की बाहरी दीवारों में चित्रांकन किया गया और शुरुआत पुस्तकालय इमारत से की गई। 

 1. पुस्तकालय इमारत की बाहरी दीवारों में चित्रांकन

       चित्रांकन व पेंटिंग के अंतर्गत सर्वप्रथम ‘पुस्तकालय इमारत’ की बाहरी दीवारों में चित्रांकन किया गया। इस इमारत में पुस्तकालय से संबंधित व प्रेरक चित्रों का अंकन किया गया-

चित्र-5, किताब पढ़ता लड़का

     पुस्तकालय इमारत की बाहरी दीवार के मध्य में किताब पढ़ते लड़के का रेखाचित्र पवनेश सर द्वारा बनाया गया। तत्पश्चात् इसमें पेंटिंग करने का कार्य विद्यालय की छात्राओं द्वारा किया गया। पेंटिंग में कु० तनुजा, सलोनी, निशा, प्रिया, दीपा आदि का सहयोग प्राप्त हुआ। दीवार में अंकित यह आकर्षक चित्र विद्यार्थियों को पुस्तकें पढ़ने की प्रेरणा देता है। 

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