कठिन नहीं कोई भी काम, हर काम संभव है। मुश्किल लगे जो मुकाम, वह मुकाम संभव है - डॉ. पवनेश।

निशा पुनेठा

 निशा पुनेठा और उनकी ऐपण कला

       हुनरमंद व्यक्ति किसी भी परिचय का मोहताज नहीं होता। पिथौरागढ़ निवासी निशा पुनेठा का हुनर ही तो है, जिसके बल पर इनके द्वारा बनाए गए चित्र एकदम जीवंत प्रतीत होते हैं और इन लोककला आधारित चित्रों के माध्यम से ही निशा जी को उत्तराखंड में एक विशिष्ट पहचान मिल रही है। इस लेख के साथ जितने भी चित्र आप फोटो में देख रहे हैं, वो सब निशा जी ने ही बनाए हैं।

       पिथौरागढ़ में रहने वाली निशा पुनेठा का बचपन पिथौरागढ़ में ही बीता, साथ ही उनकी शिक्षा-दीक्षा भी पिथौरागढ़ में ही हुई। वे जी.जी. आई. सी. पिथौरागढ़ की छात्रा रहीं। पेंटिंग का शौक और इस क्षेत्र में ही करियर बनाने की सोच से निशा उच्च शिक्षा के लिए अल्मोड़ा पहुंच गयी। एसएसजे कैम्पस, अल्मोड़ा से उन्होंने बीए किया और फिर ड्राइंग और पेंटिग से एमए की पढ़ाई की। उनका इरादा एक आर्ट टीचर बनने का है।

       सबसे विशेष बात यह है कि निशा अपनी कला प्रतिभा का उपयोग कुमाऊं की लोक-संस्कृति एवं सभ्यता के प्रतीक ऐपण (जो कि अब विलुप्त होने की कगार पर है) को बचाने के लिए कर रही हैं। निशा को दिल्ली, मुम्बई एवं बंगलुरू से भी होममेड ऐपणों के आर्डर प्राप्त हो रहे हैं।

       निशा जी की प्रतिभा और इनका हौसला निश्चित रूप से सराहनीय है। हमारी ओर से निशा जी को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएँ। 

Share this post

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!