कठिन नहीं कोई भी काम, हर काम संभव है। मुश्किल लगे जो मुकाम, वह मुकाम संभव है - डॉ. पवनेश।

कविता व गीत संग्रह- शिक्षक चालीसा

कविता व गीत संग्रह- शिक्षक चालीसा

( Poetry and Song Collection- Shikshak Chalisa ) 

     साल 2013 में अल्मोड़ा किताब घर से प्रकाशित पवनेश ठकुराठी के इस हिंदी कविता संग्रह में कुल 11 रचनाएँ संगृहीत हैं। इस पुस्तिका में कुल 02 शिक्षक वंदनाएं, 5 शिक्षक गीत व 01 शिक्षक चालीसा संगृहीत है। शिक्षक चालीसा में रचनाकार ने प्राचीन काल से वर्तमान काल तक के शिक्षकों के स्वरूप व योगदान को रेखांकित करने का प्रयास किया है।


किताब का नाम- शिक्षक चालीसा
विधा- हिंदी कविता-गीत संग्रह
रचनाकार- पवनेश ठकुराठी
प्रकाशक- अल्मोड़ा किताब घर, अल्मोड़ा। 
प्रकाशन वर्ष- 2013
मूल्य- 20 ₹
पृ० सं०- 20
संस्करण- पेपरबैक


संग्रह से चयनित एक शिक्षक गीत

जीवन लाखों का संवारा, शिक्षक ने आकर जग में।

पथिकों को दिखाई राह, मन में जगाई चाह। 
पत्थर को भी निखारा, शिक्षक ने आकर जग में। 

सेवा का लिया आधार, मूल्यों का रचा संसार। 
सच का किया इशारा, शिक्षक ने आकर जग में। 

अज्ञान को दूर भगाया, मानव हृदय को जगाया। 
ज्ञान का दिया सितारा, शिक्षक ने आकर जग में। 

आशा की धुन सुनाई, वतन को दी ऊंचाई। 
बिगड़ा काम सुधारा, शिक्षक ने आकर जग में। 

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