कठिन नहीं कोई भी काम, हर काम संभव है। मुश्किल लगे जो मुकाम, वह मुकाम संभव है - डॉ. पवनेश।

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बंशीधर पाठक ‘जिज्ञासु’ का कविता संग्रह- सिसौण

कुमाउनी कविता संग्रह: सिसौण Kumauni Poetry Collection: Sisaun ‘सिसौण’ कुमाउनी कवि बंशीधर पाठक ‘जिज्ञासु’ का कविता संग्रह है। आइये जानते हैं पुस्तक और रचनाकार के विषय में- कविता संग्रह के विषय में- सिसौण      ‘सिसौण’ कुमाउनी कवि बंशीधर पाठक ‘जिज्ञासु’ का कविता संग्रह है। इस संग्रह के पहले संस्करण का प्रकाशन 1984 में नंदा

कुमाउनी मासिक पत्रिका ‘आंखर’ और उससे जुड़ी तस्वीरें

कुमाउनी मासिक पत्रिका ‘आंखर’ और उससे जुड़ी तस्वीरें   कुमाउनी मासिक पत्रिका-आंखर        वर्ष 1993 के प्रथम माह से लखनऊ से एक कुमाउनी मासिक पत्रिका का प्रकाशन हुआ। इस पत्रिका का नाम था- ‘आंखर’। कुमाउनी मासिक पत्रिका ‘आंखर’ का संपादन लखनऊ से आकाशवाणी के उत्तरायण कार्यक्रम के प्रस्तोता रहे बंशीधर पाठक ‘जिज्ञासु’ ने
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