कठिन नहीं कोई भी काम, हर काम संभव है। मुश्किल लगे जो मुकाम, वह मुकाम संभव है - डॉ. पवनेश।

Tag: तूफान

हर प्रेम मांगता है

हर प्रेम मांगता है कांटों के घेरे जख्मों के फेरे पर्वत, सागर, तूफान लांघता है। कभी त्याग के झौंके कभी तप का आसरा कभी बलिदानी पर हृदय टांगता है। जी हां, दर्द, दुख और बिछुड़न हर प्रेम मांगता है।   © Dr. Pawanesh Share this post

एकाग्रता

एकाग्रता हवा चलती है तो हिलती है पत्ती तुम आईं तो हिली मेरी पलकें और टिक गईं तुम पर तूफान आया बारिश हुई ओले बरसे बर्फ गिरी और भी न जाने क्या-क्या हुआ लेकिन मेरी पलकें अभी भी टिकीं हैं तुम पर।   © Dr. Pawanesh Share this post
error: Content is protected !!