कठिन नहीं कोई भी काम, हर काम संभव है। मुश्किल लगे जो मुकाम, वह मुकाम संभव है - डॉ. पवनेश।

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आम की टोकरी: साधारण शब्दों की असाधारण कविता

छह साल की छोकरी: विमर्श का तीसरा कोंण      साथियों, पिछली पोस्ट में हमने ‘छह साल की छोकरी’ कविता विवाद से संदर्भित पक्ष और विपक्ष दोनों को आपके समक्ष रखा था। इस पोस्ट में मैं अपनी बात रखूंगा। हो सकता है आप मुझसे सहमत ना हों, लेकिन फिर भी मुझे लगता है कि बात

आखिर क्यों चर्चा में है ‘छह साल की छोकरी’ ? जानिए विशेषज्ञों की राय।

छह साल की छोकरी: बहस के दायरे में      NCERT की कक्षा-1 की हिंदी की किताब ‘रिमझिम’ की ‘छै साल की छोकरी’ कविता को लेकर सोशल मीडिया में जोरदार बहस छिड़ गई है। कुछ लोग तो बिना कवि और उसके कालखंड को जाने टिप्पणी कर रहे हैं। यह कविता कवि रामकृष्ण शर्मा खद्दर की
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