कठिन नहीं कोई भी काम, हर काम संभव है। मुश्किल लगे जो मुकाम, वह मुकाम संभव है - डॉ. पवनेश।

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लोक संस्कृति के कुशल चितेरे: ब्रजेंद्र लाल साह

जन्मदिन विशेष:  लोक संस्कृति के कुशल चितेरे: ब्रजेंद्र लाल साह         रंगकर्मी व रचनाकार ब्रजेंद्र लाल साह का जन्म 13 अक्टूबर, 1928 को अल्मोड़ा में हुआ था। आपने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा ग्रहण की और विशेषकर हिंदी कविता, नाटक, कहानी, उपन्यास आदि विधाओं में अपनी लेखनी चलाई। शैलसुता, अष्टावक्र और गंगानाथ

ब्रजेंद्र लाल शाह का कुमाउनी गीतिनाट्य: श्रीरामलीला ( Kumauni opera : ShriRamlila )

कुमाउनी गीतिनाट्य: श्रीरामलीला Kumauni opera : ShriRamlila साथियों, आज हम चर्चा करते हैं महत्वपूर्ण रचनाकार श्री ब्रजेंद्र लाल साह जी द्वारा रचित कुमाउनी गीतिनाट्य ‘श्रीरामलीला’ के विषय में। गीतिनाट्य के विषय में- श्रीरामलीला     श्रीरामलीला उत्तराखंड के मशहूर रंगकर्मी श्री ब्रजेंद्र लाल शाह जी द्वारा रचित गीति नाट्य ( संगीत नाटक ) है। इसके
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