कठिन नहीं कोई भी काम, हर काम संभव है। मुश्किल लगे जो मुकाम, वह मुकाम संभव है - डॉ. पवनेश।

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त्रिभुवन गिरि का आंचलिक खंडकाव्य: क्या पहचान प्रिया की होगी

हिंदी खंडकाव्य: क्या पहचान प्रिया की होगी साथियों, पुस्तक चर्चा के अन्तर्गत आज हम बात करेंगे हिंदी खंडकाव्य ‘क्या पहचान प्रिया की होगी’ की। इस खंडकाव्य के रचयिता हैं- त्रिभुुवन गिरि।   खंडकाव्य के विषय में- क्या पहचान प्रिया की होगी      ‘क्या पहचान प्रिया की होगी’ उत्तराखंड के प्रसिद्ध लेखक त्रिभुवन गिरि का हिंदी

कुमाउनी महाकाव्य: गोरिल, Kumauni Epic: Goril

कुमाउनी महाकाव्य: गोरिल, रचनाकार- त्रिभुवन गिरि Kumauni Epic: Goril, Composer- Tribhuvan Giri पुस्तक चर्चा के अन्तर्गत आज हम बात करेंगे, कुमाउनी महाकाव्य ‘गोरिल’ की। गोरिल महाकाव्य के रचयिता हैं- त्रिभुुवन गिरि।                 *गोरिल महाकाव्य के विषय में* गोरिल महाकाव्य       गोरिल महाकाव्य कुमाऊँ के न्याय देवता ‘गोलू
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