September 3, 2019
एकाग्रता
एकाग्रता हवा चलती है तो हिलती है पत्ती तुम आईं तो हिली मेरी पलकें और टिक गईं तुम पर तूफान आया बारिश हुई ओले बरसे बर्फ गिरी और भी न जाने क्या-क्या हुआ लेकिन मेरी पलकें अभी भी टिकीं हैं तुम पर। © Dr. Pawanesh Share this post