कठिन नहीं कोई भी काम, हर काम संभव है। मुश्किल लगे जो मुकाम, वह मुकाम संभव है - डॉ. पवनेश।

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ज्योति तिवारी काण्डपाल की कुमाउनी कविताएँ

ज्योति तिवारी काण्डपालकि कुमाउनी कविता              १. मीं एक चेलि छीं एक तरफ चेलि अंतरिक्ष में पुंज गेईं। वैज्ञानिक ले मंगलयान, तीसर चन्द्रयानक् तैयारी में छन । डीएम, एसपी, लेफ्टिनेंट, सचिव पदों पर लै चेलि छन। यां तक कि प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, मुख्य न्यायाधीश पद तक पुंज गईं। हर रोज अघिल

सुन्दर लाल मदन की कुमाउनी कविताएँ

सुन्दर लाल मदनकि कुमाउनी कविता                      १. पोलेथीन दार किनारा पोलेथीन, गाड़ गध्यारा डाबोटीन। धरती येल पाटी जैली, कसीक ह्वेली नाजबाली। की करून हेमी भोव दिन।  तोड़ो धैं तोड़ो जरा, तोड़ो धैं, अपण नीन।  नानू नान पौध पत्त,  हाय सहनी भौत कष्ट। ख्यण छा तीम यो

भुवन बिष्ट की कुमाउनी कविताएँ

   भुवन बिष्टकि कुमाउनी कविता                      १. सरस्वती बंदना दैण हैजा माता मेरी सरस्वती, दिये माता भौल बुलाण भलि मति।            एक हाथ किताब त्यौर,            एक हाथ छौ वीणा। मैं बालक अबोध अज्ञानी, आयूँ  मैं तेरी शरणा।    

ललित शौर्य की कुमाउनी कविताएँ

 ललित शौर्य कि कुमाउनी कविता             १. शब्द ब्रह्म हुनि मैं लड़ते रूंल आज, भोल और पोर ही जाणेक तुम गोलि चलाला मैं कलम चलूल तुम मकें मार सकछा मेर शब्दन कै नी मार सकला कभै किलैकि शब्द  ब्रह्म हुनी और यो बात ध्यान धरिया जो ब्रम्ह छू उ अमर छू….। 

10 कुमाउनी बाल कविता-2

10 कुमाउनी बाल कविता-2 1. धौनी काकू धौनी काकू-धौनी काकू छक्क किलै लगूँछा तुम सिईनाक दर्शकों कें झटपट किलै जगूँछा तुम।   2.गर्ज्यागान गोल गोल- गर्ज्यागान थिक थोल- गर्ज्यागान ठुलो ठुलो – गर्ज्यागान मेरो लाड़िलो- गर्ज्यागान।    3. पिपरी बाज ललुवा बजौ- पिपरी बाज कलुवा बजौ- पिपरी बाज मी ले बजूँ – पिपरी बाज तू
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