पहाड़ की सौगात: काफल काफल उत्तरी भारत और नेपाल के पर्वतीय क्षेत्र, मुख्यत: हिमालय की तलहटी के 1200 से 2100 मीटर की ऊंचाई के जंगलों में पाया जाने वाला एक वृक्ष है। इसका वैज्ञानिक नाम ‘मिरिका एस्कुलेंटा (myrica esculata)’ है। ग्रीष्मकाल (चैत्र-बैशाख) में काफल के पेड़ पर लगने वाले फल पहाड़ी इलाकों
जल संरक्षण में विद्यार्थियों की महत्वपूर्ण भूमिका: प्रो. जे. एस. रावत * रा० इ० का नाई (ताकुला) में आयोजित कार्यशाला में प्रो. रावत ने दिया व्याख्यान * प्रतियोगिताओं में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को किया गया पुरस्कृत अल्मोड़ा, अगर हमें बड़ी नदियों को बचाना है तो छोटे-छोटे गाड़- गधेरों को बचाना अत्यधिक जरूरी है।
रा० इ० का नाई में जल संरक्षण कार्यशाला के पहले दिन आयोजित हुई विविध प्रतियोगिताएँ अल्मोड़ा, उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (USERC), देहरादून के तत्वावधान में रा० इ० का नाई (ताकुला) में आयोजित कार्यशाला के पहले दिन विद्यालय के प्रधानाचार्य अनिल कुमार कठेरिया व मुख्य अतिथि दिलीप कुमार आर्या, प्रधानाचार्य रा. प्रा. विद्यालय ढौल
रा० इ० का नाई (ताकुला) में एक बार फिर होगा जल संरक्षण पर गहन मंथन • USERC, Dehradun के तत्वावधान में आयोजित हो रही है 2 दिवसीय कार्यशाला। • जनपद स्तरीय प्रतियोगिताओं का होगा आयोजन। • मुख्य अतिथि वैज्ञानिक व भूगोलवेत्ता प्रो. जे. एस. रावत देंगे व्याख्यान। • प्रतियोगिताओं के विजेता होंगे पुरस्कृत।
पहाड़ की सौगात: तरूड़ तरूड़ एक पर्वतीय कंदमूल है, जिसे तौड़, तैड़ू आदि नामों से भी जाना जाता है। भारत में तरूड़ हिमालयी राज्यों विशेषकर उत्तराखण्ड, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, अरूणाचल प्रदेश, असम आदि राज्यों में समुद्र तल से 500 से 3200 मीटर तक की ऊंचाई वाले स्थानों पर पाया जाता
प्रेमचंद के उपन्यासों के नारी पात्र डॉ. पवनेश की ‘प्रेमचंद के उपन्यासों के नारी पात्र’ पुस्तक का प्रकाशन वर्ष 2014 में अल्मोड़ा किताब घर, अल्मोड़ा से हुआ। इस पुस्तक में कथाकार प्रेमचंद के समस्त 14 उपन्यासों के नारी पात्रों को सूचीबद्ध किया गया है। पुस्तक प्रेमचंद के शोधार्थियों हेतु उपयोगी है।
जयशंकर प्रसाद की कहानियों के नारी पात्र ‘जयशंकर प्रसाद की कहानियों के नारी पात्र’ पुस्तक वर्ष 2014 में अल्मोड़ा किताब घर, अल्मोड़ा से प्रकाशित हुई है। इस पुस्तक में लेखक डॉ. पवनेश द्वारा कथाकार जयशंकर प्रसाद की कुल 70 कहानियों के नारी पात्रों को सूचीबद्ध किया गया है। पुस्तक प्रसाद के शोधार्थियों हेतु
डॉ. दीपा कांडपाल का कहानी संग्रह: चलक साथियों, आज हम चर्चा करते हैं कुमाउनी कहानी संग्रह ‘चलक’ के विषय में। इस कहानी संग्रह की लेखिका हैं, डॉ. दीपा कांडपाल। आइये जानते हैं पुस्तक और लेखिका के विषय में- कहानी संग्रह के विषय में- चलक कुमाउनी कहानी संग्रह ‘चलक’ की कहानीकार हैं डॉ.
साथियों, आज हम आपको मिलाते हैं कूची के बाजीगर जगदीश पांडेय जी से- कूची के बाजीगर: जगदीश पांडेय जीवन परिचय- मशहूर चित्रकार जगदीश पांडेय का जन्म 9 अगस्त, 1958 को अल्मोड़ा के जागेश्वर में हुआ। आपके पिता का नाम श्री डी. डी. पांडेय और माता का नाम श्रीमती तारा देवी