कठिन नहीं कोई भी काम, हर काम संभव है। मुश्किल लगे जो मुकाम, वह मुकाम संभव है - डॉ. पवनेश।

शेर सिंह बिष्ट ‘अनपढ़’ कुमाउनी कविता पुरस्कार- 2019

शेर सिंह बिष्ट ‘अनपढ़’ कुमाउनी कविता पुरस्कार- 2019

साहित्यकार मोहन चंद्र जोशी

       इस वर्ष का शेर सिंह बिष्ट ‘अनपढ़’ कुमाउनी कविता पुरस्कार कुमाउनी के प्रसिद्ध कवि मोहन चंद्र जोशी को दिया जायेगा। इस पुरस्कार हेतु गठित चयन समिति के सदस्यों महंत त्रिभुवन गिरि, डाॅ. कपिलेश भोज और डाॅ. मनोहर जोशी द्वारा विचार विमर्श बाद श्री मोहन चंद्र जोशी (गरुड़) का नाम घोषित किया गया। श्री जोशी को यह पुरस्कार कुमाउनी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति प्रचार समिति कसारदेवी,  अल्मोड़ा व ‘पहरू’ मासिक पत्रिका द्वारा आगामी 10, 11 व 12 नवम्बर, 2019 को मौनी माई आश्रम, भक्तिधाम, नौकुचियाताल (नैनीताल) में आयोजित होने वाले तीन दिनी राष्ट्रीय कुमाउनी भाषा सम्मेलन में दिया जायेगा।  

पुरस्कार परिचय

       शेर सिंह बिष्ट ‘अनपढ़’ कुमाउनी कविता पुरस्कार वर्ष 2009 से प्रत्येक वर्ष कुमाउनी एक दिग्गज कवि को प्रदान किया जाता है। पुरस्कार के रूप में पांच हजार एक सौ रू० की नकद धनराशि, अंगवस्त्र व प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है। वर्ष 2009 से अब तक इस पुरस्कार से पुरस्कृत होने वाले कुमाउनी कवि निम्नलिखित हैं-

  • 1. वर्ष- 2009 :  गोपाल दत्त भट्ट
  • 2. वर्ष- 2010 :  महंत त्रिभुवन गिरि
  • 3. वर्ष- 2011 :  जगदीश जोशी
  • 4. वर्ष- 2012 :  रतन सिंह किरमोलिया
  • 5. वर्ष- 2013 :  डॉ. शेर सिंह बिष्ट
  • 6. वर्ष- 2014 :  जुगल किशोर पेटशाली
  • 7. वर्ष- 2015 :  मथुरादत्त मठपाल 
  • 8. वर्ष- 2016 :  देवकी महरा
  • 9. वर्ष- 2017 :  दामोदर जोशी ‘देवांशु’
  • 10. वर्ष- 2018 :  हीरा सिंह राणा
  • 11. वर्ष- 2019 :  मोहन चंद्र जोशी

रचनाकार परिचय

        इस पुरस्कार से इस वर्ष पुरस्कृत होने वाले कवि श्री मोहन चंद्र जोशी का जन्म 5 जून, 1967 को बागेश्वर जनपद में हुआ। आप एक मजे हुए साहित्यकर्मी ही नहीं वरन एक मेहनती शिक्षक भी हैं। कुमाउनी कविता को आपका योगदान अतुलनीय है। श्री जोशी ने हुक धैं रे,  थुपुड़,  क धैं,  मोहन गीता, वीर सेनानी गाथा आदि काव्य पुस्तकें कुमाउनी साहित्य को प्रदान की हैं। इसके अलावा आपने कुमाउनी रामलीला नाटक, कुमाउनी रामचरितमानस- सुंदरकांड पुस्तकें भी लिखी हैं। प्रसिद्ध हिंदी कवि जयशंकर प्रसाद के महाकाव्य ‘कामायनी’ का कुमाउनी भावानुवाद भी आपने किया है।

      शेर सिंह बिष्ट ‘अनपढ़’ कुमाउनी कविता पुरस्कार -2019 से पुरस्कृत होने पर हमारी ओर से आपको हार्दिक बधाइयाँ….

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यदि आपनेे  भी लिखी हैं कुमाउनी में कविता की पुस्तकें तो आप भी भेज सकते हैं अपनी प्रविष्टि अपने परिचय और साहित्य के साथ, नीचे दिए पते पर- 

डॉ० हयात सिंह रावत

संपादक- ‘पहरू’ मासिक

सुनारी नौला,  अल्मोड़ा ( उत्तराखंड)-263601

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