कठिन नहीं कोई भी काम, हर काम संभव है। मुश्किल लगे जो मुकाम, वह मुकाम संभव है - डॉ. पवनेश।

बहादुर बोरा ‘श्रीबंधु’ कुमाउनी कथा साहित्य पुरस्कार-2019


बहादुर बोरा ‘श्रीबंधु’ कुमाउनी कथा साहित्य पुरस्कार-2019

        इस वर्ष का बहादुर बोरा ‘श्रीबंधु’ कुमाउनी कथा साहित्य पुरस्कार कुमाउनी लेखक गिरीश चंंद्र बिष्ट ‘हंसमुख’ को दिया जायेगा। इस पुरस्कार हेतु गठित चयन समिति के सदस्यों खुशाल सिंह खनी, भैरवदत्त पांडे, डाॅ. प्रीति आर्या द्वारा विचार-विमर्श के बाद श्री गिरीश चंंद्र बिष्ट ‘हंसमुख’ का नाम घोषित किया गया। श्री हंसमुख को यह पुरस्कार कुमाउनी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति प्रचार समिति कसारदेवी, अल्मोड़ा व ‘पहरू’ मासिक पत्रिका द्वारा आगामी 10, 11 व 12 नवम्बर, 2019 को मौनी माई आश्रम, भक्तिधाम, नौकुचियाताल (नैनीताल) में आयोजित होने वाले तीन दिनी राष्ट्रीय कुमाउनी भाषा सम्मेलन में दिया जायेगा।            

पुरस्कार परिचय-   

     बहादुर बोरा ‘श्रीबंधु’ कुमाउनी कथा साहित्य पुरस्कार कुमाउनी के किसी एक कथाकार को प्रतिवर्ष दिया जाता है। यह पुरस्कार वर्ष 2012 में बहादुर बोरा ‘श्रीबंधु’ कुमाउनी कहानी पुरस्कार नाम से शुरू हुआ। पिछले वर्ष तक यह पुरस्कार कुमाउनी में कहानी लेखन के लिए दिया जाता था, लेकिन इस वर्ष से इस पुरस्कार का नाम बहादुर बोरा ‘श्रीबंधु’ कुमाउनी कथा साहित्य पुरस्कार कर दिया गया है। अब यह पुरस्कार कुमाउनी में कहानी और उपन्यास किसी भी विधा में लेखन करने वाले कथाकार को दिया जायेगा। इसमें पुरस्कार के रूप में पांच हजार एक सौ रू० की नकद धनराशि, अंगवस्त्र व प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है।

     वर्ष 2012 से 2017 तक इस पुरस्कार से पुरस्कृत कहानीकारों व उनकी पुस्तकों की सूची नीचे दी जा रही है-

  • 1. डॉ. योगेन्द्र प्रसाद जोशी ‘नवल’ ( वर्ष, 2012 ),  कहानी संग्रह- भिटोइ, तीन थूूण
  • 2. जगदीश जोशी ( वर्ष, 2013 ), कहानी संग्रह- ग्यस उज्याव
  • 3. महेंद्र ठकुराठी ( वर्ष, 2014 ), कहानी संग्रह- ठुलि बरयात 
  • 4. डॉ. दीपा कांडपाल ( वर्ष, 2015 ), कहानी संग्रह- उज्याव
  • 5. खुशाल सिंह खनी ( वर्ष, 2016 ), कहानी संग्रह- त्यर बुलाण
  • 6. भैरवदत्त पांडे ( वर्ष, 2017 ), कहानी संग्रह- माटिक मोह। 

पुरस्कृत कथाकार का परिचय-

      बहादुर बोरा ‘श्रीबंधु’ कुमाउनी कथा साहित्य पुरस्कार से इस वर्ष पुरस्कृत होने वाले कथाकार गिरीश चंंद्र बिष्ट ‘हंसमुख’ का जन्म 13 जुलाई, 1947 को उपराड़ी, रानीखेत ( अल्मोड़ा ) में हुआ था। आपने भारत सरकार के स्वास्थ्य विभाग में अपनी सेवाएँ दीं। आपका स्वभाव पूर्णतया आपके उपनाम पर खरा उतरता है। 

      एक रचनाकार के रूप में आप हिंदी और कुमाउनी दोनों भाषाओं की सेवा में समर्पित हैं। हिंदी में गुहार, प्रकृति पराग, अभिव्यक्ति आदि काव्य संग्रह लिखने के साथ-साथ आपने कुमाउनी में पहाड़ैकि पीड़, उमाव आदि काव्य संग्रहों की रचना की है। एक कुमाउनी चुटकुला संग्रह ‘हंसनै-हंसनै बिडौव’ भी प्रकाशित हुआ है। एक कथाकार के रूप में आपका कुमाउनी उपन्यास ‘हवसियाट’ हाल के ही वर्ष जगदंबा पब्लिशिंग कंपनी नई दिल्ली से प्रकाशित होकर सामने आया है। 

    बहादुर बोरा ‘श्रीबंधु’ कुमाउनी कथा साहित्य पुरस्कार -2019 से पुरस्कृत होने पर हमारी ओर से आपको हार्दिक बधाइयाँ….. 

                                ***

        यदि आपने भी लिखी हैं कुमाउनी में कहानी और उपन्यास की पुस्तकें तो, आप भी भेज सकते हैं अपनी प्रविष्टि अपने परिचय और साहित्य के साथ, नीचे दिए पते पर- 

डॉ० हयात सिंह रावत

संपादक- ‘पहरू’ मासिक

सुनारी नौला, अल्मोड़ा ( उत्तराखंड)-

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