कठिन नहीं कोई भी काम, हर काम संभव है। मुश्किल लगे जो मुकाम, वह मुकाम संभव है - डॉ. पवनेश।

प्रोजेक्ट कायाकल्प: भाग- 1, लघु मरम्मत- इमारतें जिंदा होंगी

प्रोजेक्ट कायाकल्प: भाग- 1, लघु मरम्मत- इमारतें जिंदा होंगी

        रा० इ० का० नाई (अल्मोड़ा) में विद्यालय के समस्त शिक्षकों ने प्रधानाचार्य अनिल कुमार कठेरिया जी के साथ एक मीटिंग के दौरान यह निर्णय लिया कि विद्यालय को एक खूबसूरत स्वरूप प्रदान किया जाय। इस हेतु विद्यालय के सीमित व उपलब्ध आर्थिक संसाधनों को खंगाला गया और जीरो इंवेस्टमेंट के तहत उपलब्ध संसाधनों से ही विद्यालय को सजाने-संवारने का कार्य किया गया। इस हेतु खाली वादन में छात्रों के सहयोग से विद्यालय को एक सुंदर स्वरूप प्रदान करने का निर्णय लिया गया। इस कार्य हेतु प्रधानाचार्य अनिल कुमार कठेरिया जी ने सहर्ष अनुमति प्रदान की। 

      इस कार्य को नाम दिया गया ‘प्रोजेक्ट कायाकल्प’। इस प्रोजेक्ट के तहत तीन प्रकार के कार्य किये गये। पहला लघु मरम्मत, दूसरा रंगाई- पुताई व तीसरा चित्रांकन व लेखन। 

      प्रोजेक्ट कायाकल्प के पहले भाग ‘इमारतें जिंदा होंगी’ के अंतर्गत विद्यालय प्रबंधन द्वारा विद्यालय की इमारतों को कामगारों के द्वारा सही करवाया गया। भवन की टूटी दीवारों व बेकार पड़े कमरों की दीवारों, खिड़कियों व दरवाजों की मरम्मत की गई। बेकार पड़े कक्षों को विद्यार्थियों के बैठने योग्य बनाया गया। 

      प्रधानाचार्य के दिशा-निर्देश में कुशलतापूर्वक संपूर्ण कार्य को सफल बनाया। छात्रों ने भी यथासमय इस कार्य में अपना सहयोग प्रदान किया। 

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