कठिन नहीं कोई भी काम, हर काम संभव है। मुश्किल लगे जो मुकाम, वह मुकाम संभव है - डॉ. पवनेश।

डॉ. पवनेश की समालोचना पुस्तक: जयशंकर प्रसाद की कहानियों के नारी चरित्रों का सामाजिक­- सांस्कृतिक अध्ययन

जयशंकर प्रसाद की कहानियों के नारी चरित्रों का सामाजिक­- सांस्कृतिक अध्ययन (हिंदी शोध ­समालोचना संग्रह, 2014)

         Jayshankar Prasad ki kahaniyon ke nari charitron ka samajik- saanskritik adhyayan 

         वर्ष 2014 में अविचल प्रकाशन, बिजनौर से प्रकाशित डॉ. पवनेश ठकुराठी की इस शोधपरक पुस्तक में मुंशी प्रेमचंद के समकालीन कहानीकार जयशंकर प्रसाद की कहानियों के नारी चरित्रों पर शोधपरक दृष्टि डाली गई है। इस पुस्तक को 5 अध्यायों में विभाजित किया गया है। 

     पहला अध्याय है, जयशंकर प्रसाद का कहानी साहित्य: संक्षिप्त परिचय। इस अध्याय के अंतर्गत जयशंकर प्रसाद के पांचों कहानी संग्रहों छाया, प्रतिध्वनि, आंधी, आकाशदीप और इंद्रजाल में संगृहीत सभी कहानियों की संक्षिप्त समीक्षा की गई है। 

     पुस्तक के दूसरे अध्याय ‘जयशंकर प्रसाद की कहानियों के नारी चरित्रों का सामाजिक अध्ययन’ में प्रसाद की कहानियों में चित्रित नारी चरित्रों का सामाजिक दृष्टि से अध्ययन किया गया है। पुस्तक का तृतीय अध्याय ‘जयशंकर प्रसाद की कहानियों के नारी चरित्रों का सांस्कृतिक अध्ययन’ है। इसके अंतर्गत कहानीकार प्रसाद की कहानियों में चित्रित नारी चरित्रों के सांस्कृतिक संदर्भोंं का विवेचन-विश्लेषण किया गया है।

        इस पुस्तक के चौथे अध्याय का शीर्षक ‘जयशंकर प्रसाद की कहानियों के नारी चरित्रों की धार्मिक स्थिति’ है। इसके अंतर्गत प्रसाद की कहानियों में चित्रित नारी चरित्रों के धार्मिक संदर्भों का विवेचन-विश्लेषण किया गया है। इस शोध पुुुस्तक का पाँचवाँ अध्याय ‘जयशंकर प्रसाद की कहानियों के नारी चरित्रों की आर्थिक एवं राजनीतिक स्थिति’ है, जिसके अंतर्गत प्रसाद की कहानियों में चित्रित नारी चरित्रों की आर्थिक एवं राजनीतिक स्थिति पर प्रकाश डाला गया है।

       पुुुस्तक के अंत में ‘उपसंहार’ के अंतर्गत समूचे अध्ययन की उपलब्धियों का मूल्यांकन किया गया है। यह पुुुस्तक हिंदी के शोधार्थियों हेतु विशेष रूप से उपयोगी है।


किताब का नाम- जयशंकर प्रसाद की कहानियों के नारी चरित्रों का सामाजिक­- सांस्कृतिक अध्ययन 
विधा- हिंदी शोध-समालोचना
रचनाकार- पवनेश ठकुराठी
प्रकाशक- अविचल प्रकाशन, बिजनौर
प्रकाशन वर्ष- 2014
मूल्य- 200 ₹
पृ० सं०- 112
संस्करण- हार्ड बाउंड

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