प्रिय पाठकों, आज हम आपको ले चलते हैं मिनी कश्मीर कहे जाने वाले सीमांत जनपद पिथौरागढ़ की ओर और चर्चा करते हैं पद्मादत्त पंत द्वारा लिखित पुस्तक ‘सोर की लोक थात’ के विषय में। पुस्तक के विषय में- सोर की लोक थात ‘सोर की लोक थात’ पुस्तक के लेखक पद्मादत्त
रूद्रनाथ की अलौकिक यात्रा का वर्णन: जादुई बुग्यालों के पार साथियों, पुस्तक चर्चा के अन्तर्गत आज हम बात करेंगे यात्रावृतांत ‘जादुई बुग्यालों के पार’ का। इस पुस्तक के लेखक हैं- मनीष ओली। पुस्तक के विषय में- जादुई बुग्यालों के पार ‘जादुई बुग्यालों के पार’ पुस्तक के लेखक मनीष ओली हैं। इस पुस्तक का
कुमाऊँ के इतिहास, समाज और संस्कृति को जानने के लिए हेमा उनियाल द्वारा लिखित ‘मानसखंड’ एक महत्वपूर्ण पुस्तक है। आइये जानते हैं पुस्तक के विषय में- पुस्तक परिचय- मानसखंड मध्य हिमालय उत्तराखंड दो मंडलों कुमाऊँ एवं गढ़वाल में विभक्त है, जिसके अंतर्गत 13 जनपद शामिल हैं। प्राचीन साहित्य में कुमाऊँ को
प्रिय पाठकों, आज हम बात करते हैं माँ नंदा पर महत्वपूर्ण जानकारी देने वाली शोधपरक पुस्तक ‘उत्तराखंड में नंदा’ के विषय में- पुस्तक के विषय में- उत्तराखंड में नंदा ‘उत्तराखंड में नंदा’ डॉ. ललित चंद्र जोशी ‘योगी’ द्वारा लिखित पुस्तक है। यह पुस्तक देवभूमि प्रकाशन, हल्द्वानी से 2015 में प्रकाशित हुई है।
प्रिय पाठकों, क्या आपको पता है गोस्वामी तुलसीदास जी रचित ‘हनुमान चालीसा’ की तर्ज पर ‘माँ नंदा चालीसा’ की भी रचना की गई है। आइये जानते हैं इस पुस्तक के विषय में- पुस्तक के विषय में- माँ नंदा चालीसा ‘माँ नंदा चालीसा’ की रचना प्रसिद्ध रंगकर्मी ब्रजेंद्र लाल साह ने की।