भाषा, संस्कृति, संस्कारों को जीवन में उतारने की आवश्यकता- डॉ० एच.एस. रावत
भाषा, संस्कृति, संस्कारों को जीवन में उतारने की आवश्यकता–डॉ० एच.एस. रावत
* रा० इ० का० नाई में धूमधाम से मनाया गया लोक संस्कृति दिवस।
* लोक साहित्य एवं संस्कृति के क्षेत्र में कार्य करने वाली विभूतियाँ हुई सम्मानित।
* बल्द बुबु, पाठि बैंणि और द्वी दसाम बीस पुस्तकों का लोकार्पण।
अल्मोड़ा, रा० इ० का० नाई में इंद्रमणि बडोनी का जन्मदिन लोकसंस्कृति दिवस के रूप में धूमधाम से मनाया गया। दीप प्रज्ज्वलन और बडोनी जी के चित्र पर माल्यार्पण के पश्चात् समारोह में मुख्य अतिथि पहरू संपादक डॉ० हयात सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड को इंद्रमणि बडोनी का अतुलनीय योगदान है। उन्होंने कहा कि आज हमें अपनी भाषा, संस्कृति, रीति रिवाजों, संस्कारों को जीवन में उतारने की आवश्यकता है।
विशिष्ट अतिथि संस्कृतिकर्मी महेंद्र ठकुराठी ने कुमाउनी भजन सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया और कहा कि भजन हमें आत्मिक रूप से सुंदर बनाते हैं और हमें बेहतर मनुष्य बनाते हैं।
युवा रचनाकार ललित तुलेरा ने कैलाग्राफी कला के विषय में विद्यार्थियों को जानकारी देते हुए कहा कि विभिन्न लिपियों के विकास से कैलीग्राफी कला का विकास हुआ। उन्होंने कहा कि कैलीग्राफी से बच्चों के हस्तलेख में सुधार होता है।
स्थानीय संस्कृतिसेवी एवं बैसी गायक महेंद्र राम ने ढोल वादन किया और बैसी गायन के विषय में विद्यार्थियों को जानकारी दी।
गणेश चंद्र शर्मा ने कहा कि भाषा और संस्कृति के संरक्षण में पहरू के संपादक व उनकी टीम सराहनीय कार्य कर रही है। बच्चों को भाषा व संस्कृति से जुड़े रहना चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ० पवनेश ठकुराठी ने इंद्रमणि बडोनी को नये उत्तराखंड की नींव का सूत्रधार बताया। उन्होंने कहा कि बडोनी जी ने न सिर्फ उत्तराखंड की की राजनीति को दिशा दी, अपितु यहाँ की लोक संस्कृति को भी नए आयाम दिए।
समारोह में अतिथियों ने डॉ० पवनेश ठकुराठी के दो कुमाउनी बाल कविता संग्रहों ‘बल्ब बुबु’, ‘पाठि बैंणि‘ और एक पुस्तक समीक्षा संग्रह ‘द्वी दसाम बीस‘ का लोकार्पण किया। बल्द बुबु संग्रह में कुल 20 बाल कविताएँ, पाठि बैंणि संग्रह में कुल 16 बाल कविताएँ और ‘द्वी दसाम बीस’ में कुल बीस पुस्तकों की समीक्षाएँ संगृहीत हैं। ‘द्वी दसाम बीस’ को समीक्षकों ने कुमाउनी का पहला समीक्षा संग्रह कहा है। समारोह में विद्यालय के त्रैमासिक समाचार पत्र ‘नाई न्यूज‘ के तीसरे अंक का लोकार्पण भी किया गया।
कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने लोक संस्कृति पर आधारित रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। छात्राओं द्वारा प्रस्तुत इंद्रमणि बडोनी पर केंद्रित समूह गीत व झोड़ा गीत अत्यधिक सराहे गए। समारोह में ललित तुलेरा द्वारा लगाई गई कुमाउनी साहित्य- संस्कृति केंद्रित कैलीग्राफी प्रदर्शनी और कौशलम के विद्यार्थियों द्वारा लगाई ग्रेंड फिनाले प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र रहीं।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य और अतिथियों ने निबंध और चित्रकला प्रतियोगिताओं के विजेता विद्यार्थियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र और पुरस्कार से सम्मानित किया गया। निबंध प्रतियोगिता में तनुजा आर्या ने प्रथम, शिवानी भंडारी ने द्वितीय और सुषमा आर्या ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। चित्रकला प्रतियोगिता में दीपिका भंडारी प्रथम, रितिक भंडारी द्वितीय और दीपक भंडारी तृतीय स्थान पर रहे। समारोह में टाटा समूह द्वारा आयोजित निबंध प्रतियोगिता के जूनियर और सीनियर वर्ग के विद्यालय स्तरीय विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया। समारोह में मानसी बिष्ट को मोहन सिंह कमला देवी स्मृति प्रतिभा पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
समारोह में लोक साहित्य एवं संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने हेतु डॉ० हयात सिंह रावत को प्रधानाचार्य विभूषण सम्मान, महेंद्र ठकुराठी और महेंद्र राम को प्रधानाचार्य भूषण सम्मान, ललित तुलेरा को प्रधानाचार्य श्री सम्मान से सम्मानित किया गया।
समारोह का संचालन विज्ञान शिक्षक अंकित जोशी ने किया। इस अवसर पर विनीता टम्टा, सोनम देवी, डॉ० विनोद कुमार, कमला देवी, गोविंद सिंह बिष्ट, भुवन सिराड़ी, फरीद अहमद, भीम सिंह रावत, सुरेंद्र सिंह नयाल आदि अनेक लोग मौजूद रहे।
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