जल संरक्षण में विद्यार्थियों की महत्वपूर्ण भूमिका: प्रो. जे. एस. रावत
जल संरक्षण में विद्यार्थियों की महत्वपूर्ण भूमिका: प्रो. जे. एस. रावत
* रा० इ० का नाई (ताकुला) में आयोजित कार्यशाला में प्रो. रावत ने दिया व्याख्यान
* प्रतियोगिताओं में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को किया गया पुरस्कृत
अल्मोड़ा, अगर हमें बड़ी नदियों को बचाना है तो छोटे-छोटे गाड़- गधेरों को बचाना अत्यधिक जरूरी है। हमारे विद्यार्थी वृक्षारोपण के माध्यम से इस कार्य को सुगमता से कर सकते हैं। यह बात प्रसिद्ध जल विज्ञानी और भूगोलवेत्ता प्रो. जे. एस. रावत ने उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (USERC), देहरादून के तत्वावधान में रा० इ० का नाई (ताकुला) में आयोजित कार्यशाला के दूसरे दिन कही।
इससे पूर्व कार्यशाला में मुख्य अतिथि व व्याख्यानदाता भूगोलवेत्ता प्रो. जे. एस. रावत ने दीप प्रज्जवलन कर द्वितीय दिवस की कार्यशाला का विधिवत शुभारंभ किया। तत्पश्चात विद्यालय के प्रधानाचार्य अनिल कुमार कठेरिया ने मुख्य अतिथि प्रो. रावत, विशिष्ट अतिथि इंजिनियर व जल विशेषज्ञ के. डी. भट्ट और विनय कुमार आर्या, खंड शिक्षाधिकारी, ताकुला का बैच अलंकरण कर स्वागत किया। इसके बाद कार्यशाला के संयोजक भूगोल प्रवक्ता रमेश सिंह रावत ने कार्यशाला के उद्देश्यों पर विस्तार से जानकारी प्रदान की।
कार्यशाला में व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए आर. डी. सरोज, भूगोल प्रवक्ता रा० इ० का० गणनाथ ने छात्र-छात्राओं को घर के जल का दुरूपयोग होने से बचाने की अपील की। उन्होंने कहा कि जल का उचित प्रबंधन ही हमें जल के संकट से बचा सकता है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि वर्ष 2050 तक विश्व की आधी आबादी जल के संकट से जूझ रही होगी।
मुख्य व्याख्यानदाता जल विशेषज्ञ और भूगोलवेत्ता प्रो. जे. एस. रावत ने ‘जल संसाधनों के पुनर्जीवन, गुणवत्ता संरक्षण एवं प्रबंधन में विद्यार्थियों की भूमिका’ विषय पर अपने व्याख्यान में कहा कि आज विभाग को नदी पुनर्जनन हेतु जबाबदेही तय करने की जरूरत है। उन्होंने नाई के समीपवर्ती गधेरा छिरगाड़ गधेरा को पुनर्जीवित करने जरूरत बताई, ताकि कोसी व गंगा के जल स्तर में वृद्धि हो सके। उन्होंने छात्र-छात्राओं को जल विज्ञान व जल चक्र के विषय में विस्तार से जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि बड़ी नदियों का संरक्षण तभी हो पायेगा, जब हम जब हम छोटे-छोटे गाड़- गधेरों को पुनर्जीवित कर पाने में कामयाब हो पायेंगे। इसके लिए उन्होंने गाड़- गधेरों को यांत्रिक विधियों से पुनर्जीवित करने पर बल दिया। उन्होंने विद्यालय के छात्र-छात्राओं से आग्रह किया कि वो छिरगाड़ जैसे गधेरों को यांत्रिक विधियों से पुनर्जीवित करने में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें।
विशिष्ट अतिथि के. डी. भट्ट ने कहा कि जल संरक्षण के कार्यक्रम में जनता की भागीदारी बहुत जरूरी है। आम जनता व विद्यार्थियों के सहयोग के बिना वनीकरण जैसे कार्य का सफल होना संभव नहीं है। खंड शिक्षाधिकारी विनय कुमार आर्या ने कहा कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम आये, यह जरूरी है। उन्होंने अपने संबोधन में पहाड़ के सूखते नौले-धारों पर चिंता व्यक्त की और कहा कि विद्यार्थी इन जल स्रोतों के संरक्षण में अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कार्यशाला में छात्र-छात्राओं द्वारा लगाई गई विज्ञान माडल व चित्र प्रदर्शनी की सराहना की।
कार्यशाला में मुख्य अतिथि ने जूनियर और सीनियर दो वर्गों में आयोजित जनपद स्तरीय सामान्य ज्ञान, चित्रकला, भाषण, माॅडल व निबंध प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया।
कार्यशाला में सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता के सीनियर वर्ग में हिमानी अल्मिया ( कक्षा 12, रा० इ० का नाई) प्रथम, हिमानी भाकुनी (कक्षा 11, महा. गां. स्मा. इ० का० चनौदा) द्वितीय, निशा भंडारी ( कक्षा 12, रा० इ० का नाई) तृतीय स्थान पर रहे। सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता के जूनियर वर्ग में मोहित बिष्ट ( कक्षा 8, रा० उ० मा० वि० गंगोलाकोटुली) प्रथम, भावेश भाकुनी (कक्षा 8, रा० इ० का० सुनौली) द्वितीय, प्रियांशु कुमार ( कक्षा 8, रा० इ० का० सुनौली) तृतीय स्थान पर रहे।
चित्रकला प्रतियोगिता के सीनियर वर्ग में तनुजा आर्या ( कक्षा 11, रा० बा० इ० का० सारकोट) प्रथम, दिव्या भाकुनी ( कक्षा 11 , महा. गां. स्मा. इ० का० चनौदा) द्वितीय, तनुजा अल्मिया ( कक्षा 12, रा० इ० का नाई) तृतीय स्थान पर रहे जबकि जूनियर वर्ग में सोनी भाकुनी (कक्षा 8 , रा० इ० का० सुनौली) प्रथम, दीपांक सिंह बिष्ट (कक्षा 8, रा० इ० का नाई) द्वितीय, ममता आर्या ( कक्षा 8, रा० इ० का० गणनाथ) तृतीय स्थान पर रहे।
भाषण प्रतियोगिता के सीनियर वर्ग में हिमानी भाकुनी (कक्षा 10, रा० इ० का०भकूना) प्रथम, हेमा भंडारी ( कक्षा 9, श्रीराम वि० मं० इ० का० डोटियालगाँव) द्वितीय, कार्तिकेय कांडपाल (कक्षा 11, श्रीराम वि० मं० इ० का० डोटियालगाँव) तृतीय स्थान पर रहे। इस प्रतियोगिता के जूनियर वर्ग में खुश्बू बिष्ट (कक्षा 8, रा० इ० का नाई) प्रथम, स्नेहा बिष्ट (कक्षा 8, रा० उ० मा० वि० गंगोलाकोटुली) द्वितीय और ललिता जोशी (कक्षा 7, रा० इ० का० सुनौली) तृतीय स्थान पर रहे।
निबंध प्रतियोगिता के सीनियर वर्ग में तनुजा अल्मिया ( कक्षा 12, रा० इ० का नाई) प्रथम, हिमानी जोशी (कक्षा 11, रा० बा० इ० का० सारकोट) द्वितीय, प्रियांशु सुयाल (कक्षा 11, श्रीराम वि० मं० इ० का० डोटियालगाँव) तृतीय स्थान पर रहे। निबंध प्रतियोगिता के जूनियर वर्ग में मोनिका मनराल (कक्षा 7, रा० बा० इ० का० सारकोट) प्रथम, हिमानी बिष्ट (कक्षा 8, रा० इ० का नाई) द्वितीय और डौली भंडारी (कक्षा 8, श्रीराम वि० मं० इ० का० डोटियालगाँव) तृतीय स्थान पर रहे।
विज्ञान माडल प्रतियोगिता के सीनियर वर्ग में लक्षिता कांडपाल (कक्षा 11, श्रीराम वि० मं० इ० का० डोटियालगाँव) प्रथम, अक्षिता आर्या व नेहा आर्या ( कक्षा-11, रा० इ० का० गणनाथ) द्वितीय तथा तनुजा अल्मिया (कक्षा-12, रा० इ० का नाई) व अजय सिंह बिष्ट (कक्षा 11, महा. गां. स्मा. इ० का० चनौदा) तृतीय स्थान पर रहे। इस प्रतियोगिता के जूनियर वर्ग में रा० इ० का० नाई के आंचल नयाल ( कक्षा 7), कृतिका बिष्ट (कक्षा 7), कु० बिमला अल्मिया (कक्षा 8) क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहे। रा० इ० का० गणनाथ की ज्योति कांडपाल को विशेष प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान किया गया।
कार्यशाला को सफल बनाने में दिलीप कुमार आर्या, अंकित जोशी, गणेश चंद्र शर्मा, अजरा परवीन, विरेंद्र सिंह सिजवाली, सोनम देवी, नवल किशोर, भूपेंद्र सिंह नयाल, राजेन्द्र सिंह बिष्ट, डॉ. पवनेश ठकुराठी, चंदन सिंह बिष्ट, तारा अल्मिया ने सहयोग दिया।
कार्यशाला का संचालन कार्यशाला संयोजक रमेश सिंह रावत ने किया और कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी का आभार प्रकट किया। अंत में विद्यालय के प्रधानाचार्य अनिल कुमार कठेरिया ने कार्यशाला के समापन की घोषणा की।
कार्यशाला में दिलीप सिंह अल्मिया, रमेश मेहता, अशोक कुमार, ठाकुर सिंह भंडारी, कुलदीप सिंह अल्मिया, सुरेश नयाल, श्रद्धा रावत, रबिता मेहरा, डिंपल जोशी, मंजू वर्मा, आशा पांडे, सोनम देवी, शिखा कांडपाल, दीपक नगरकोटी, निर्मला रावत, ब्रजेश कुमार, ललित पंत, पुष्कर चंद्र आर्या, अर्जुन सिंह बिष्ट, पुष्कर सिंह नयाल आदि समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
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