उत्तराखंड राज्य के प्रतीक चिह्न
उत्तराखंड राज्य के प्रतीक चिन्ह
उत्तराखंड के राज्य चिन्ह और प्रतीकों का निर्धारण राज्य गठन के बाद वर्ष 2001 में किया गया। उत्तराखंड के प्रमुख राज्य प्रतीक चिन्ह-
1. राजकीय चिन्ह- तीन पर्वत चोटियाँ, मध्य में गंगा की 4 लहरें
उत्तराखंड राज्य के प्रतीक चिन्ह में अशोक स्तम्भ के नीचे तीन पर्वतों की एक श्रृंखला है तथा उसके नीचे गंगा की 4 लहरें दर्शायी गयी हैं। अशोक की ललाट नीचे सत्यमेव जयते लिखा गया है।
2. राज्य पुष्प- ब्रह्म कमल
उत्तराखंड के राज्य पुष्प ब्रह्म कमल का वर्णन वेदों में भी मिलता है । ब्रह्म कमल नाम की उत्पत्ति ब्रह्मा जी के नाम से हुई है । इसका वैज्ञानिक नाम सौसूरिया अब्वेलेटा (Saussurea obvallata) है। यह उत्तराखंड में ऊंचाई वाले दुर्गम क्षेत्रों में उगता है।
3. राज्य पक्षी- मोनाल
मोनाल विश्व के सुन्दरतम पक्षियों में से एक है। इसे हिमालयी मोर के नाम से भी जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम लोफोफोरस इम्पीजेनस (Lophophorus Impejanus) है। यह नेपाल का राष्ट्रीय पक्षी भी है। मोनाल को स्थानीया भाषा में ‘मन्याल’ व ‘मुनाल’ भी कहा जाता है।
4. राज्य वन्य पशु- कस्तूरी मृग
कस्तूरी मृग को हिमालयन मस्क डियर के नाम से भी जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम ‘मास्कस क्राइसोगौस्टर’ (Moschus Chrysogaster) है। भारत में कस्तूरी मृग, जो कि एक लुप्तप्राय जीव है, कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तरांचल के केदार नाथ, फूलों की घाटी, हरसिल घाटी तथा गोविन्द वन्य जीव विहार एवं सिक्किम के कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित रह गया है।
5. राज्य वृक्ष- बुरांश
इसका वैज्ञानिक नाम रोडोडेंडर अर्बोरियम (Rhododendron arborium) है। यह मध्यम ऊँचाई का सदापर्णी वृक्ष है। इसके पुष्प औषधीय गुणों से परिपूर्ण होते हैं, जिनका प्रयोग कृषि यन्त्रों के हैन्डल बनाने तथा ईंधन के रुप में करते हैं। बुरांश पर्वतीय क्षेत्रों का विशेष वृक्ष है। यह भी ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पाया जाता है।
6. राज्य तितली- कॉमन पीकॉक
कॉमन पीकॉक का वैज्ञानिक नाम पापिलियो बियांर ( Papilio Bianor) है। यह तितली उत्तराखंड में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पायी जाती है। मोर की गर्दन की तरह रंग होने के कारन इसका नाम कॉमन पीकॉक रखा गया है।
उत्तराखंड राज्य तितली प्रतीक चिह्न वाला भारत का दूसरा राज्य है। इससे पहले वर्ष, 2015 में महाराष्ट्र सरकार ने ब्लू मोरोन तितली को राज्य तितली का दर्जा दिया था।
7. राज्य वाद्य- ढोल
ढोल को राज्य वाद्ययंत्र का दर्जा वर्ष, 2015 में दिया गया। इसका प्रयोग प्रायः धार्मिक और सांस्कृतिक क्रियाकलापों में होता है।
8. राज्य खेल- फुटबॉल
फुटबॉल को राज्य खेल का दर्जा वर्ष, 2011 में दिया गया।
9. राज्य गीत- उत्तराखंड देवभूमि, मातृभूमि:, शत शत वंदन अभिनंदन।
‘उत्तराखंड देवभूमि, मातृभूमि’ को को वर्ष, 2016 में राज्य गीत का दर्जा दिया गया। इस गीत के रचनाकार नैनीताल निवासी हेमंत बिष्ट हैं।
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उत्तराखंड के राज्य प्रतीक: एक दृष्टि में
1. राज्य चिन्ह : तीन पर्वत चोटियां और उनके बीच में गंगा की 4 लहरेें
2. राज्य पुष्प : ब्रह्मकमल (सोसूरिया आबवेलेटा)
3. राज्य पक्षी : मोनाल (लोफोफोरस इम्पिजेनस)
4. राज्य पशु : कस्तूरी मृग (मास्कस कइसोगास्टर)
5. राज्य वृक्ष : बुरांश (रोडोडेन्ड्रोन आर्बोरियम)
6. राज्य तितली : कॉमन पीकॉक (पापिलियो बियांर)
7. राज्य वाद्य : ढोल (2015 से )
8. राज्य खेल : फुटबॉल (2011 से )
9. राज्य गीत : उत्तराखंड देवभूमि, मातृभूमि शत-शत वंदन ….( हेमंत बिष्ट द्वारा लिखित , 2016 में घोषित )।
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Nice your Laine and very good your thinking.
आप की सोच अच्छी थी । अच्छी है । अच्छी रहेगी हमें पूरी आशा है। आप की कहानियां बहुत अच्छी लगीं और आप के lekho का तो क्या कहना! मज़ा आ गया।